सार

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रहे SIT से मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की सिंगल बेंच ने हत्या की CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी को 11 नवंबर तक जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

नैनीताल. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार(3 नवंबर) को अंकिता भंडारी हत्याकांड(Ankita Bhandari murder case) की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) से मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की सिंगल बेंच ने हत्या की CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी को 11 नवंबर तक जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अंकिता भंडारी (19) की कथित तौर पर एक रिसॉर्ट के मालिक ने हत्या कर दी थी, जहां वह एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी।

सबूत नष्ट करने का आरोप
आरोप है कि हत्या के बाद यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट के कहने पर पर पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलाकर अपराध से जुड़े अहम सबूत नष्ट कर दिए गए। कोर्ट ने एसआईटी से रिपोर्ट में उन सबूतों का ब्योरा देने को कहा है, जो रिसॉर्ट साइट को बुलडोजर चलाने से पहले एकत्र किए गए थे। भंडारी की कथित तौर पर रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ सितंबर में ऋषिकेश के पास चीला नहर में धकेल कर हत्या कर दी थी।

पुलिस डीजपी पी. रेणुका देवी की अध्यक्षता में एसआईटी हत्या की जांच कर रही है। पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पुलिस और एसआईटी मामले के महत्वपूर्ण सबूत छिपा रही है और अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि शव का पोस्टमार्टम बिना किसी महिला डॉक्टर की मौजूदगी के किया गया, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया, लेकिन पुलिस इस बात को छिपा रही है।

इस बीच, हाईकोर्ट कैम्पस में मौजूद अंकिता के माता-पिता ने पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहा कि वे एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और सीबीआई जांच के पक्ष में हैं। उन्होंने हाल ही में रिसॉर्ट परिसर में स्थित आरोपी की आंवला कैंडी फैक्ट्री में लगी आग पर भी सवाल उठाया और पूछा कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद यह कैसे हुआ और फैक्ट्री का बिजली कनेक्शन भी काट दिया गया? अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह ने दावा किया कि यह सब सबूत मिटाने की साजिश के तहत हुआ। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिलता और हत्यारों को फांसी नहीं दी जाती, वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे भले ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े।

संक्षिप्त में समझें मामला
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में 19 साल की अंकिता भंडारी मर्डर केस(Ankita Bhandari Missing and murder Case) में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अंकिता 18-19 सितंबर से गायब थी। 19 सितंबर की सुबह अंकिता के गायब होने की खबर फैली, तो पिता रिसॉर्ट पहुंचे। फिर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 

इस मामले का मुख्य आरोपी भाजपा नेता(अब सस्पेंड) और राज्य के पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। वो एक रिसॉर्ट चलाता है। जांच में सामने आया है कि रिसॉर्ट में देह व्यापार चलता था। आरोप अंकिता पर भी कस्टमर्स के साथ फिजिकल रिलेशन के लिए दवाब बना रहा था। जब अंकिता ने मना किया, तो पुलकित ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसे पहाड़ी से गंगा नदी में धक्का दे दिया।

इस बीच बुधवार(2 नवंबर) को दो आरोपियों अंकित और सौरभ को पौड़ी जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य अभी भी पौड़ी जेल में ही है। तीनों आरोपी 23 सितंबर से पौड़ी जिला जेल में बंद थे। पुलिस ने 30 अक्टूबर को तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया था।

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