सार

एशियानेट न्यूज डायलॉग के इस एपिसोड में हमारे साथ हैं आईआईटी कानपुर के डायरेक्ट अभय करांदीकर। उनसे विशेष साक्षात्कार किया है एशियानेट न्यूज के रॉबिन मैथ्यू मैथातिल ने। डायरेक्टर अभय करांदीकर ने टेलीकॉम सेक्टर की बड़ी बातें बताईं हैं।

 

Exclusive Interview. एशियानेट न्यूज डायलॉग के इस एपिसोड में हमारे साथ हैं आईआईटी कानपुर के डायरेक्ट अभय करांदीकर। उनसे विशेष साक्षात्कार किया है एशियानेट न्यूज के रॉबिन मैथ्यू मैथातिल ने। डायरेक्टर अभय करांदीकर ने टेलीकॉम सेक्टर की बड़ी बातें बताईं हैं। भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान के निदेशक अभय करांदीकर ने टेलीकॉम स्टैंडर्ड डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना की है। वे पहले ट्राई अंशकालिक सदस्य रह चुके हैं। आइए जानते हैं उन्होंने बातचीत के दौरान क्या कहा?

IIT कानपुर कैसे देश की प्रगति में भागीदारी करेंगा

आईआईटी निदेश अभय करांदीकर ने इस सवाल के जवाब में कहा कि आईआईटी कानपुर भारत के विकास में, हर क्षेत्र में सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की अपील के अनुसार हम साइबर सिक्योरिटी, 5जी प्रोजेक्ट, मेडिकल डिवाइस, मेडिकल डायगनोस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। हम आपको भरोसा दे सकते हैं कि आने वाले दिनों में हम और भी सेक्टर में बेहतर काम करके दिखाएंगे। जैसा कि आपको पता है कि अगली जेनरेशन हेल्थकेयर सेक्टर में इनोवेशन की होगी तो हम इंजीनियरिंग और मेडिसीन को साथ लेकर चल रहे हैं।

भारत के मेडिकल डिपार्टमेंट कैसे अलग हैं

एक सवाल के जवाब के जवाब में आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करांदीकर ने कहा कि भारत के मेडिकल कॉलेज को देखेंगे तो वे सिर्फ मेडिकल की शिक्षा पर फोकस करते हैं। लेकिन आप दूसरे देशों यानि अमेरिका और इंग्लैंड को देखें तो वहां मेडिकल, इंजीनियरिंग को एग्जीस्टेंस में हैं। इसलिए वहां पर ज्यादा इंटरेक्शन होते हैं और ज्याद रिसर्च भी होते हैं। हम यही पर लैक कर रहे हैं। हम मानते हैं मेडिकल सेक्टर में ज्यादा रिसर्च अब टेक्नोलॉजी ड्रिवेन होगी और यही कारण है कि हम इस विषय पर भी काम कर रहे हैं। हम तकनीकी और मेडिकल रिसर्च को साथ लेकर आने वाले वर्षों में बेहतर कार्य कर सकते हैं और हमारा फोकस भी इसी पर है।

रिसर्च और एजुकेशन में एआई तकनीकी का प्रयोग

हम रिसर्च और एजुकेशन को तकनीकी से मिक्स करने का काम कर रहे हैं। जहां तक एआई तकनीक की बात है तो हम ऐसे भी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जहां एक पोर्टल पर भारत के नागरिक अपनी समस्याएं दर्ज करते हैं। इसके बाद हम एआई तकनीक के आधार पर उसका वर्गीकरण करते हैं और अलग-अलग कैटेगरी में उसका समाधान करने की कोशिश करते हैं। हम एआई का उपयोग हेल्थकेयर सेक्टर में भी कर रहे हैं। आईआईटी कानपुर कई सालों से एआई तकनीक पर काम कर रहा है।

केरल के ज्यादातर स्टूडेंट विदेश क्यों जाते हैं

केरल के ज्यादातर स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाते हैं, इस सवाल के जवाब में अभय करांदीकर ने कहा कि मुझे लगता है कि यह बेहतर मौकों की तलाश के कारण होता है। जो भी लोग अच्छे मौके चाहते हैं, वे विदेश जाते हैं। मैं आपको बताना चाहूंगा कि 10 साल पहले 90 प्रतिशत आईआईटी ग्रेजुएट जॉब के लिए विदेश जाते थे लेकिन अब 90 प्रतिशत आईआईटी ग्रेजुएट भारत में ही रहते हैं। करीब 30 साल पहले 100 प्रतिशत लोग विदेश चले जाते थे लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं और भारत में ज्यादा मौके हैं, जिसकी वजह से आईआईटी ग्रेजुएट यही पर स्टार्टअप शुरू करके बेहतर काम कर रहे हैं।

विदेशी विश्वविद्याल भारत में क्यों पहुंच रहे हैं

आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करांदीकर से जब यह पूछा गया कि ज्यादातर विदेशी यूनिवर्सिटी भारत में पैर पसार रहे हैं तो उन्होंने कहा कहा कि हम सभी का स्वागत करते हैं। आईआईटी कानुपर ने भी कई विदेश विश्वविद्यालयों के साथ संबंध बनाए हैं। इसमें छात्र दोनों देशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं और डिग्रियां प्राप्त करते हैं। एक यूनिवर्सिटी के तौर पर दुनिया के बाकी यूनिवर्सिटी से कंपीटिशन करना चाहते हैं और इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यह आज के जमाने की डिमांड है।

भारत में 6जी टेक्नोलॉजी को लेकर अभय करांदीकर ने क्या कहा

इस सवाल के जवाब में आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करांदीकर ने कहा कि मैं खुद 6जी टेक्नोलॉजी का सदस्य हूं। मैं 6जी टास्ट फोर्स से भी जुड़ा हुआ हूं। भारत सरकार ने भी 6जी मिशन का टार्गेट सेट किया हुआ है। हमारा उद्देश्य है कि हम ग्लोबल स्टैंडर्ड के साथ इसे आगे बढ़ाएं और यहीं सरकार की भी नीति है।

5जी से किस सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा

भारत में 5जी लांच कर दिया गया है और इससे किस सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा है? इस सवाल के जवाब में आईआईटी कानपुर के निदेश अभय करांदीकर ने कहा कि हम इससे ई-गवर्नेंस, एजुकेशन, ट्रांसपोर्टेशन, हेल्थकेयर सहित सभी सेक्टर्स में काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि 5जी सभी सेक्टर्स में शानदार बदलाव का वाहक है और हम इसे और भी इंप्रूव करने की कोशिश कर रहे हैं।

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