सार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Assam CM Himant Biswa Sarma) ने शैक्षिक क्रांति के लिए मुसलमानों की प्रशंसा की है। उन्होंने असम के चार क्षेत्रों में हुए बदलाव की भी प्रशंसा की है।
Assam CM Himanta Biswa Sarma. असम में मुस्लिम समुदाय में शिक्षा के प्रति रूझान बढ़ा है। यही वजह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुसलमानों का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शैक्षणिक क्रांति के लिए मुसलमानों की प्रशंसा की है। असम सीएम ने कहा कि अल्पसंख्यकों (मुख्य रूप से मुस्लिम) के बीच शैक्षिक सुधार की पहल ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि हर साल अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों से बड़ी संख्या में छात्र अच्छे परिणाम ला रहे हैं। साथ ही पूरे असम में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में एडमिशन ले रहे हैं।
असम सीएम ने की मुसलमानों की प्रशंसा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ज्यादातर मुस्लिम परिवार शिक्षा सहित करीब 4 क्षेत्रों में लगभग बेदखली का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सरमा ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में मुसलमान छात्रों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यक छात्रों को अच्छी संख्या में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिल रहा है। उन्हें कंपीटीशिन के माध्यम से प्रवेश मिल रहा है। पिछले साल 1000 सीटों में 320 छात्रों को मेडिकल स्ट्रीम में प्रवेश मिला। मेडिलक फील्ड के यह आंकड़े बताते हैं कि अन्य की तुलना में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों ने इस क्षेत्र में शानदार प्रगति की है।
असम के अल्पसंख्यक छात्रों में बढ़ रही प्रतिस्पर्धा
एक प्रशिक्षण केंद्र के शिक्षक ने कहा कि अल्पसंख्यक क्षेत्रों के छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक मानसिकता बढ़ रही है। उनमें से अधिकांश छात्र बहुत गरीब परिवारों से आते हैं। उनके लिए एनईईटी परीक्षा पास करना कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है। वहीं ऐसे इलाके के छात्रों के पास पढ़ाई के अलावा जीवन यापन का कोई दूसरा उचित तरीका नहीं है। यही वजह है कि वे पढ़ाई के प्रति लगन दिखा रहे हैं और कठिन परिश्रम करके आगे बढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष की नीट परीक्षा में अजमल फाउंडेशन में कोचिंग प्राप्त करने वाले 200 छात्रों ने अखिल भारतीय मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। यह परिणाम राहत देने वाले हैं। इतना ही नहीं अजमल फाउंडेशन के छात्रों ने असम लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में भी प्रभावशाली परिणाम हासिल किए हैं। अजमल फाउंडेशन की तरफ से अजमल सुपर नामक प्रशिक्षण केंद्र चलाया जाता है। जहां, गरीब लेकि ब्रिलियंट छात्रों के डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना पूरा किया जाता है।
2016 में हुई थी अजमल फाउंडेशन की शुरूआत
अजमल फाउंडेशन ने 2016 में महत्वाकांक्षी पहल के तौर पर संस्थान की शुरुआत की थी। इस वर्ष 240 छात्रों ने नीट परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की है। यह देश में एक तरह की दुर्लभ घटना है कि किसी शैक्षणिक संस्थान के इतने सारे छात्रों ने एक साथ मेडिकल एंट्रेस की सबसे बड़ी परीक्षा नीट पास की है। नेशनल लेवल पर इस तरह का प्रदर्शन वाकई कमाल का है। यह दुर्लभ इसलिए भी है क्योंकि ज्यादातर प्रतिभावान स्टूडेंट्स पिछड़े और गरीब इलाके से ताल्लुक रखते हैं।
कौन चलाता है कि असम में अजमल फाउंडेशन
असम के अजमल फाउंडेशन में शिक्षा का सारा खर्च मौलाना बदरुद्दीन अजमल और फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी सिराजुद्दीन अजमल द्वारा वहन किया जाता है। अजमल सुपर 40 अपने स्थापना के समय से ही शानदार परिणाम दिखा रहा है। संस्थान के 84 छात्रों ने 2020 की नीट परीक्षा पास की थी। 2021 में 150 छात्रों ने नीट परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की। जबकि इस साल नीट पास करने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर 240 से ज्यादा हो गई है। अजमल फाउंडेशन असम के शिक्षा क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर रहा है।
कॉन्टेन्ट सोर्स- आवाज द वॉयस
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