सार

 यहां एक योग शिविर में शामिल होने के दौरान महिलाओं के पहनावे( Baba Ramdev comment about women clothing) पर टिप्पणी करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की हर तरफ से आलोचना हो रही है। दिल्ली महिला आयोग की आपत्ति के बाद महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी बाबा रामदेव को सावर्जनिक माफी मांगने को कहा था। 

पुणे. यहां एक योग शिविर में शामिल होने के दौरान महिलाओं के पहनावे( Baba Ramdev comment about women clothing) पर टिप्पणी करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की हर तरफ से आलोचना हो रही है। दिल्ली महिला आयोग की आपत्ति के बाद महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी बाबा रामदेव को सावर्जनिक माफी मांगने को कहा था। इस पर बाबा रामदेव ने अपने बयान पर शर्मिंदगी जाहिर करते हुए माफी मांग ली है।

pic.twitter.com/umI27luSK7

मेरा तात्पर्य सादा वस्त्रों से था
बाबा रामदेव ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के नोटिस के जवाब में एक पत्र लिखकर अपनी सफाई दी है। 27 नवंबर को भेजा गया यह पत्र आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने tweet किया है। दरअसल, महाराष्ट्र महिला आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने मराठी में ट्वीट किया,''बाबा रामदेव उर्फ ​​राम किशन यादव ने ठाणे में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में महिलाओं को लेकर बहुत ही निम्न स्तर का बयान दिया था। इस बयान को गंभीरता से लेते हुए राज्य महिला आयोग ने बाबा रामदेव उर्फ ​​राम किसान यादव को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है।" पढ़िए बाबा रामदेव ने क्या लिखा?

"मैं यह बताना चाहता हूं कि अधोहस्ताक्षरी(undersigned यानी बाबा रामदेव) ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग अधिनियम 1993 के अनुसार कथित रूप से कोई अपराध नहीं किया है। अधोहस्ताक्षरी ने हमेशा विश्व स्तर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम किया है, ताकि महिलाओं को समाज में समानता का दर्जा प्राप्त करने में मदद मिल सके।

अधोहस्ताक्षरी ने हमेशा भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ जैसी विभिन्न नीतियों और योजनाओं को बढ़ावा दिया है और यहां तक कि भारत में महिलाओं की स्थिति को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर काम किया है।

तदनुसार(इसके हिसाब से), यह स्पष्ट किया जाता है कि अधोहस्ताक्षरी का किसी भी महिला का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था और ठाणे महाराष्ट्र में आयोजित संपूर्ण कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के संबंध में था और कार्यक्रम के कुछ सेकंड की क्लिपिंग जिसे सोशल मीडिया में हाइलाइट और प्रसारित किया जा रहा है, उसमें मेरे शब्दों को गलत प्रभाव / अर्थ दिया जा रहा है।

मैंने मां व मातृशक्ति को सदा सर्वोपरि गौरव दिया है। मेरे एक घंटे के लेक्चर में भी मातृशक्ति का ही गौरव है तथा एक शब्द वस्त्र के संदर्भ में भी बोला, उसका तात्पर्य मेरी तरह सादा वस्त्र से था। फिर भी अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मुझे इसका अत्यंत खेद है।

मैं उन सभी से निर्पेक्ष व स्वस्ति भाव(सुख-कल्याण-मंगल) से क्षमा प्रार्थी हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है।-स्वामी रामदेव
(नोट-पत्र संपादित किया गया है)

बाबा रामदेव के बयान को यूं बयां किया गया था
योग गुरु बाबा रामदेव ने कथित तौर पर कहा था कि महिलाएं साड़ी, सलवार और सूट में भी अच्छी लगती हैं, मेरी तरह कुछ ना भी पहने तो भी अच्छी लगती हैं। जब बाबा ऐसा बोल रहे थे, तब मंच पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता भी मौजूद थीं। बाबा रामदेव के इस बयान की कड़ी निंदा हो रही थी। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं, बाबा रामदेव को इस बयान पर देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। 

यह भी पढ़ें
Bharat Jodo Yatra, बाइक के बाद साइकिल चलाते दिखे राहुल गांधी, देखिए कुछ तस्वीरें
गुजरातियों की पहली पसंद क्यों बनी हुई है BJP, मोदी ने एक वीडियो tweet करके बताई ये बड़ी बात