सार
कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने टीकाकरण में लगे स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की है कि वे 15-18 साल के उम्र के बच्चों को सिर्फ कोवैक्सिन का डोज लगाएं। भारत बायोटेक ने कहा कि हमें ऐसी रिपोर्ट्स मिल रहीं हैं कि बच्चों को कोवैक्सिन के अलावा कोरोना के दूसरे टीके भी लगाए जा रहे हैं।
हैदराबाद। पिछले पांच दिनों से देश में 15-18 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। वर्तमान में बच्चों के टीकाकरण के लिए भारत में सिर्फ भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा बनाए गए टीका कोवैक्सिन (Covaxin) का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि 15-18 साल के उम्र के बच्चों को दूसरे टीका का डोज लगा दिया गया।
कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने टीकाकरण में लगे स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की है कि वे 15-18 साल के उम्र के बच्चों को सिर्फ कोवैक्सिन का डोज लगाएं। भारत बायोटेक ने कहा कि हमें ऐसी रिपोर्ट्स मिल रहीं हैं कि बच्चों को कोवैक्सिन के अलावा कोरोना के दूसरे टीके भी लगाए जा रहे हैं। हमारी स्वास्थ्य कर्मियों से अपील है कि वे यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को सिर्फ कोवैक्सिन का डोज लगे।
कोवैक्सिन को मिली है अनुमति
भारत बायोटेक ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद कोवैक्सिन को 2-18 साल के बच्चों को लगाने की अनुमति मिली है। वर्तमान में भारत में यह एक मात्र वैक्सीन है, जिसे बच्चों को लगाए जाने की अनुमति मिली है। गौरतलब है कि भारत सरकार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीका उपलब्ध करा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बताया है कि 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए सिर्फ कोवैक्सिन का इस्तेमाल होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को कहा था कि 15-18 साल के किशोरों को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा। देश में इस आयुवर्ग के 10 करोड़ से अधिक बच्चे हैं। इनके टीकाकरण की शुरुआत 3 जनवरी से हुई। पांच दिन में 1.5 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका का पहला डोज लग गया है। सरकार का 15 जनवरी तक सभी बच्चों को पहली डोज देने का लक्ष्य है। टीका के लिए बच्चों को खुद या उनके परिजनों को कोविन एप पर पहले से बने अकाउंट या नया अकाउंट बनाकर रजिस्ट्रेशन करना है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा नहीं हो तो वैक्सीनेशन केंद्र पर भी जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
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