सार

गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया है। इसके साथ ही किसान आंदोलन और FarmLaws  सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ गए हैं।

नई दिल्ली. अगले साल पांच राज्यों- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करके देश की पूरी राजनीति की धारा मोड़ दी है। इसके साथ ही किसान आंदोलन और FarmLaws सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ गए हैं। मोदी ने जैसे ही गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर आज यानी 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया, किसान आंदोलन और FarmLaws और Tikait  सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ गए। मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए। हम किसानों को समझा नहीं पाए कि ये छोटे किसानों को ताकत देगा। अब इन्हें वापस लेने सदन में प्रक्रिया पूरी कराएंगे। गुरु पर्व पर आंदोलन करने वाले किसानों से अपील करेंगे कि वे अपने-अपने घर जाएं।

मोदी के ऐलान से कुछ देर पहले किसान नेता नरेश टिकैत ने किया था tweet
किसान नेता नकेश टिकैत ने tweet किया था-किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे। यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी। जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है। जमीन कम हो रही है। किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे। जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा। इस tweet को राकेश टिकत ने रीट्वीट किया था। बात दें कि चौधरी नरेश टिकैत भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

राकेश टिकैत ने दिया ये बयान
राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी बनाने और बिजली अमेंडमेंट समेत अन्य मुद्दों पर अभी बात होनी बाकी है। टिकैत ने बताया कि संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री की घोषणा को लेकर चर्चा कर रहा है, ताकि अगली रणनीति बनाई जा सके। 
टिकैत ने यह भी कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उन दिन का इंतजार करेंगे, जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। 

twitter पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं
#कांग्रेस ने किया tweet-टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान।

#AAP विधायक नरेश बान्ल्यान ने tweet किया-आतंकी, आंदोलनजीवी, टिकैत जी को डकैत, देशद्रोही, क्या क्या नही बोला गया था, आज सरकार झुकी। किसान भाइयों को ये सब बोलने वाले अब क्या कहेंगे? इंसान को हमेशा संयमशील होना चाहिए। अपने ही देश पर अत्याचार करने वाली सरकार की हार हुई। सैकड़ो किसान भाइयों के शहादत को नमन करता हूं मैं। कृषि बिल के तीनो काले कानून वापस हुआ। किसानों के संघर्ष और शहादत की जीत हुई।एक उपचुनाव हारते ही सारा दिमाग ठिकाने आ गया। इन्हें सत्ता से उतारो देश खुशहाल होगा। किसान भाइयों के आगे आखिरकार तानाशाह मोदी सरकार को झुकना पड़ा। किसान एकता जिंदाबाद। भाईचारा जिंदाबाद।

#जर्नलिस्ट रवीश कुमार ने tweet किया-किसानों को बधाई। उन्हें भी, जिन्होंने किसानों को आतंकवादी,आंदोलनजीवी कहा। किसानों ने देश को जनता होना सिखाया है,जिसे रौंद दिया गया था। आवाज़ दी है। गोदी मीडिया आज भी किसानों की बात किसानों के लिए नहीं ‘उनके’ लिए करेगा। किसानों ने समझा दिया कि किसानों को कैसे समझा जाता है।

#एक यूजर ने लिखा-कुछ लोग किसानों को देश विरोधी बताते थे आज वह लोग अपनी आत्मा को कैसे जवाब देंगे; क्योंकि अब तो देश के प्रधानमंत्री जी ने ही स्वीकार कर लिया है कि उनसे गलती हुई और वह तीनों किसान क़ानूनों को वापिस लेते है। ऐसे लोगों को सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए।

#लगभग 350+ दिन, 600+ किसानों की शहादत के बाद मोदी जी को याद आया कि तीनों कृषि कानून गलत थे और उन्हें वापिस लेना चाहिए। 5 राज्यों के चुनावों में हार का ये डर अच्छा है। लोकतंत्र जिंदाबाद  किसान एकता जिंदाबाद।

यह भी पढ़ें
PM मोदी का ऐलान- तीन कृषि कानून वापस लेंगे, आंदोलन करने वाले किसान अपने घर जाएं
Guru Nanak Jayanti 2021: करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में उल्लास; PM मोदी ने tweet करके कहीं ये बातें
Indira Gandhi birth anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर PM ने tweet करके दी श्रद्धांजलि