सार

महाराष्ट्र सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके संकेत केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे(Narayan Rane) ने एक चौंकाने वाले बयान के जरिये दिए हैं। जयपुर में राणे ने बयान दिया कि मार्च तक महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार होगी। इस बयान के बाद शिवसेना और NCP में हलचल तेज हो गई है।
 

नई दिल्ली. महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स(Maharashtra Politics) में बड़े भूचाल के संकेत हैं।  केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे(Narayan Rane) ने एक चौंकाने वाला दावा किया है कि मार्च तक महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार होगी। इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। NCP चीफ शरद पवार अपने सारे कार्यक्रम रद्द करके दिल्ली निकल गए हैं। उनके साथ प्रफुल्ल पटेल भी हैं। फडणवीस भी सुबह दिल्ली पहुंच गए हैं।

दिल्ली में लगा महाराष्ट्र के नेताओं का जमघट
दिल्ली में इस समय महाराष्ट्र के नेताओं का डेरा जमा हुआ है। महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल पहले से ही गृहमंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली में हैं। इसी बैठक में शामिल होने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी दिल्ली पहुंच गए हैं। दोनों नेताओं ने भाजपा मुख्यालय में संगठन मंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की। माना जा रहा है कि शिवसेना के कई नेता नाराज चल रहे हैं। चंद्रकांत पाटिल की शिवसेना के राज्यसभा सांसद और उद्धव ठाकरे के करीबी नेता से मुलाकात की है।

सुशांत सिंह मामले में भी दिया था बयान
इससे पहले नारायण राणे ने सुशांत सिंह हत्याकांड पर भी एक बयान दिया था। उन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार को घेरते हुए कहा था कि इस केस में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, क्योंकि वो मुख्यमंत्री का बेटा(आदित्य ठाकरे) है। दिशा सालियान सुसाइड मामले में भी किसी की गिरफ्तार नहीं हुई। राणे का यह बयान मंगलवार को महाराष्ट्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में आया था। उन्होंने कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए थे। राणे ने सालियान और पूजा चाह्वाण केस का जिक्र किया था। पूजा पुणे में पढ़ती थी। उसने भी सुसाइड किया था। इस केस में पूर्व कैबिनेट मंत्री संजय राठौर के खिलाफ जांच चल रही है। उन्हें मामले में नाम आने पर इस्तीफा देना पड़ा था।

महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP गठबंधन की सरकार
कहने को महाराष्ट्र में 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन मुख्यमंत्री के पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में कलह हुई थी। इसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और NCP के गठबंधन से सरकार बनी। शिवसेना के पास 56, नेशनल कांग्रेस पार्टी(NCP) के  पास 54 और कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं। निर्दलियों की संख्या 13 है। साल 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में भाजपा ने 122 सीटें जीती थीं। भाजपा ने तब पहली बार महाराष्ट्र में इतनी सीटें हासिल की थीं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने 145 सीटें चाहिए।

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