क्या बिहार चुनाव का माहौल अब और गरमाएगा? मोकामा में जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के बाद JDU उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी से सियासी बवंडर मचा है। क्या CEC का "Zero Tolerance" रुख बदल देगा पूरा चुनावी समीकरण?
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मोकामा में हुए हत्याकांड ने पूरे राज्य का माहौल गरमा दिया है। जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में JDU उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। CEC ने साफ कहा, "हिंसा की कोई भी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी", और चुनाव आयोग हर कीमत पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान कराएगा।
क्या मोकामा का हत्याकांड बिहार चुनाव की दिशा बदल देगा?
मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को हुई हत्या ने चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है। यह घटना उस वक्त हुई जब दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी की उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शिनी की रैली में मौजूद थे। हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने JDU प्रत्याशी अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि चुनावी हिंसा का बड़ा संकेत माना जा रहा है। इसी कारण CEC ज्ञानेश कुमार ने खुद सामने आकर कहा कि चुनाव आयोग हिंसा पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगा।
CEC बोले, “चुनाव आयोग किसी दल का नहीं, जनता का है”
कानपुर में पत्रकारों से बात करते हुए CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर वोटर बिना डर के वोट डाल सके। हिंसा के प्रति आयोग का रुख बिल्कुल सख्त है, कोई भी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग पूरी तरह निष्पक्ष और गैर-पक्षपाती है। 243 रिटर्निंग अधिकारी, पुलिस ऑब्ज़र्वर, और हर ज़िले के कलेक्टर मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटे हैं।
क्या अनंत सिंह की गिरफ्तारी से मोकामा का चुनावी समीकरण बदल जाएगा?
मोकामा विधानसभा सीट लंबे समय से हाई-वोल्टेज मुकाबलों के लिए जानी जाती है। इस बार JDU ने फिर से बाहुबली छवि वाले अनंत सिंह पर भरोसा जताया था, जबकि RJD ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है। अब अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद JDU को बड़ा झटका लगा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका असर वोटिंग पर कैसे पड़ता है।
चुनाव आयोग ने तुरंत लिया एक्शन: अधिकारियों का तबादला और रिपोर्ट तलब
- हत्या के बाद 1 नवंबर को CEC ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया।
- SDO चंदन कुमार, SDPO राकेश कुमार और अभिषेक सिंह को तुरंत हटाया गया।
- साथ ही बिहार DGP से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है।
- यह दिखाता है कि चुनाव आयोग किसी भी तरह की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं करेगा।
CEC बोले, “बिहार चुनाव पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनेंगे”
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव पारदर्शिता और क्षमता के मामले में पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश करेंगे। उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की कि वे बड़ी संख्या में बाहर निकलकर लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लें।
क्या यह चुनाव बिहार की राजनीति का रुख बदल देगा?
मोकामा की हत्या ने जहां कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, वहीं CEC की सख्ती ने मतदाताओं को भरोसा भी दिया है। अब सबकी निगाहें 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान पर हैं कि क्या हिंसा थमेगी या फिर बिहार की सियासत एक बार फिर पुराने रास्ते पर लौटेगी?
