सार
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के समर्थकों द्वारा कांग्रेस, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में तोड़फोड़ किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है। उन्होंने राष्ट्रपति सिल्वा के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
नई दिल्ली। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के करीब 3000 समर्थकों ने रविवार को देश की कांग्रेस, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में तोड़फोड़ की। पिछले साल हुए चुनाव में राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने बोलसोनारो को करीबी मुकाबले में हरा दिया था। बोलसोनारो चुनाव में मिली हार को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
रविवार को बोलसोनारो के समर्थकों ने राजधानी ब्रासीलिया में जमकर उपद्रव किया। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह इस घटना को लेकर गहरी चिंता में हैं। नरेंद्र मोदी ने चुनाव में मिली जीत के बाद शपथ ग्रहण करने वाले राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के नेतृत्व वाली ब्राजील सरकार को अपना समर्थन दिया।
नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति सिल्वा को टैग करते हुए ट्वीट किया, "ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगों और तोड़फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं। लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं।"
अमेरिका के राष्ट्रपति ने की निंदा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ब्रासीलिया में हुए उपद्रव की निंदा की है और इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। उन्होंने ब्राजील में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की मांग की है। बाइडेन ने ट्वीट किया, "मैं लोकतंत्र पर हमले की निंदा करता हूं। ब्राजील में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण पर हमला किया गया है। ब्राजील के लोकतांत्रिक संस्थानों को हमारा पूरा समर्थन है। ब्राजील के लोगों की इच्छा को कम नहीं किया जाना चाहिए। मैं राष्ट्रपति लूला के साथ काम करना जारी रखने के लिए उत्सुक हूं।"
यह भी पढ़ें- USA में भारतीय मूल की पहली सिख महिला जज बनीं मनप्रीत मोनिका सिंह
पुलिस ने 400 प्रदर्शनकारियों को गिया है गिरफ्तार
ब्रासीलिया में रविवार को हुए उपद्रव में किसी के मरने या घायल होने की रिपोर्ट नहीं है। पुलिस ने बल प्रयोग कर बोलसोनारो समर्थकों को सरकारी भवनों से हटा दिया है। पुलिस ने 400 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने 30 अक्टूबर को चुनाव में बोलसनारो को हराया था। बोलसनारो ने चुनाव परिणामों को चुनौती दी है। उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है।
यह भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ से हाहाकार, ब्रिटेन से 3 गुना ज्यादा जमीन पानी में डूबी, टूटा 100 साल का रिकॉर्ड