सार
हमले में आधा दर्जन से अधिक पुलिसवाले घायल हुए हैं तो बंजारा व भोवी समुदाय के भी काफी लोग चोटिल हुए हैं। शहर में इस उग्र आंदोलन के बाद धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा को लागू कर दिया गया है।
Yediyurappa House and office attacked: कर्नाटक में आरक्षण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा रिजर्वेशन कोटा को लेकर किए गए फैसले के बाद कई समुदायों में गुस्सा है। अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण के खिलाफ आंदोलन कर रहे बंजारा और भोवी समुदायों के लोगों ने सोमवार को पूर्व सीएम व बीजेपी के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा के घर पर हमला कर दिया। बंजारा व भोवी लोगों ने ईंट-पत्थर चलाए और तोड़फोड़ की। हालात इतना बिगड़ा कि पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। आक्रोशित लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस हमले में आधा दर्जन से अधिक पुलिसवाले घायल हुए हैं तो बंजारा व भोवी समुदाय के भी काफी लोग चोटिल हुए हैं। शहर में इस उग्र आंदोलन के बाद सीआपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा को लागू कर दिया गया है।
बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं आंदोलनकारी प्रदर्शनकारियों में...
शिवमोग्गा के शिकारीपुर शहर मे बीएस येदियुरप्पा के घर व कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन और पथराव करने वाले बंजारा व भोवी आंदोलनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। काफी संख्या में लोगों को पुलिस लाठीचार्ज के दौरान चोटें आई। बंजारा समुदाय के लोगों को लमानी या लम्बानी भी कहा जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों में से अधिकांश युवा थे। ये लोग येदियुरप्पा के घर के करीब आ गए और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया जिससे खिड़की के शीशे टूट गए। सुरक्षा में लगे कई पुलिसवाले भी घायल हो गए। स्थितियां अनियंत्रित हुईं तो फोर्स बुलाया गया। इसके बाद लाठीचार्ज कर दिया। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया तो और फोर्स बुलाया गया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेते हुए दिखाया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने येदियुरप्पा और बोम्मई के पोस्टर्स भी जलाएं
उग्र प्रदर्शन कर रहे बंजारा और भोवी समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पोस्टर्स भी जलाएं।
क्यों हो रहा है विरोध प्रदर्शन?
दरअसल, बीते दिनों बसवराज बोम्मई कैबिनेट ने आरक्षण को लेकर कई सिफारिशों को लागू कर दिया था। कैबिनेट ने पिछले हफ्ते अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण शुरू करने का फैसला किया था। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने के बाद, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की कि अनुसूचित जाति को भी विभिन्न श्रेणियों में बांटकर अनुपातिक आरक्षण दिया जाएगा। इसके तहत एससी लेफ्ट सब-कैटेगरी को 6 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा तो अनुसूचित जाति को 5.5 प्रतिशत, अछूतों को 4.5 प्रतिशत और एक प्रतिशत अन्य अनुसूचित जातियों को दिया जाएगा। बंजारा व भोवी समाज इस आंतरिक आरक्षण का विरोध कर रहा है। इन समुदायों ने स्पष्ट कहा कि ऐसी सिफारिशों को रद्द किया जाए क्योंकि इससे उनके साथ अन्याय हो रहा है।
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