सार
हाईकोर्ट ने कहा कि आर्मस्ट्रांग के शव को निकटवर्ती तिरुवल्लुवर जिले में एक एकड़ निजी स्वामित्व वाले भूखंड में दफनाया जा सकता है। बसपा समर्थकों द्वारा निकाली जाने वाली शवयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जानी चाहिए।
BSP President Armstrong murder: तमिलनाडु के बसपा अध्यक्ष के.आर्मस्ट्रांग को चेन्नई में बीएसपी कार्यालय में दफनाने से मद्रास हाईकोर्ट ने मना करते हुए दूसरी बड़ी जगह चुनने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि बसपा आफिस का एरिया काफी सकरी है, भविष्य में अधिक लोग एकत्र होने पर दिक्कतें हो सकती हैं। मद्रास हाईकोर्ट ने रविवार को डीएमके सरकार के रुख को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया।
आर्मस्ट्रांग की शवयात्रा शांति से निकले
हाईकोर्ट ने कहा कि आर्मस्ट्रांग के शव को निकटवर्ती तिरुवल्लुवर जिले में एक एकड़ निजी स्वामित्व वाले भूखंड में दफनाया जा सकता है। बसपा समर्थकों द्वारा निकाली जाने वाली शवयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जानी चाहिए।
जज नहीं एक बहन की तरह यह कह रही...
जस्टिस वी भवानी सुब्बारायण ने कहा कि मैं यह एक बहन के तौर पर कह रही हूं, जज के तौर पर नहीं। राज्य सरकार जो जगह दे रही है, वहीं दफ़न पूरा करें। बाद में आप एक बड़ा क्षेत्र खरीद लें और हम शव को वहां ले जाने का फैसला कर सकते हैं। आप इतने घंटों तक शव को ऐसे ही नहीं रख सकते। इसके बाद याचिकाकर्ता ने तिरुवल्लुवर स्थान चुना।
कोर्ट ने कहा कि स्थानीय पंचायत ने आवश्यक व्यवस्थाएं कर दी हैं। आर्मस्ट्रांग के परिवार ने भी कहा था कि वे एक स्मारक बनाना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें अंतिम संस्कार करने के लिए कहते हुए कहा कि वे स्मारक के लिए बाद में राज्य सरकार से संपर्क कर सकते हैं। फैसला सुनाने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि उसे पता है कि उनके नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती। लेकिन यह भी जान लें कि राज्य ने आपकी मदद की है। अब उसे शांति से रहने दें। जाकर उसकी पत्नी का ख्याल रखें। उसे एक छोटे बच्चे की देखभाल करनी है। यहां कोई किसी के खिलाफ नहीं है।
दरअसल, बसपा नेता आर्मस्ट्रांग की पत्नी के. पोरकोडी ने कोर्ट में याचिका दायर कर शव को चेन्नई स्थित पार्टी कार्यालय में दफनाने की अनुमति मांगी थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि 2,600 वर्ग फुट का यह स्थान बसपा का है। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता जे रविंद्रन ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह एक रिहायशी इलाका है। गुण-दोष में जाए बिना, हमने बीएसपी कार्यालय और उनके आवास के करीब 2,000 वर्ग फीट के तीन स्थानों की पहचान की है जिन्हें वे दफनाने या स्मारक के लिए चुन सकते हैं जो भी वे चाहें।
जस्टिस वी भवानी सुब्बारायण ने कहा कि दफनाने की अनुमति केवल पूर्व-अधिसूचित स्थानों पर ही है और याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। रवींद्रन ने कहा कि हमने पहले ही उनकी मांग को खारिज करते हुए एक सरकारी आदेश पारित कर दिया है क्योंकि यह एक प्राथमिक रिहायशी इलाका है, घनी आबादी है, अपर्याप्त पहुंच मार्ग है।
आर्मस्ट्रांग की पत्नी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रसुब्बू को संबोधित करते हुए जस्टिस ने कहा कि भावनाएं अलग हैं, लेकिन नियमों के अनुसार आप रिहायशी इलाके में दफन नहीं कर सकते। इसलिए मैं पूछ रहा हूं कि क्या आप कोई अन्य स्थान चुन सकते हैं। मैं आपकी भावनाओं को समझती हूं लेकिन आपको यह समझना होगा कि अदालत क्या कह रही है। कानून और व्यवस्था की समस्या होगी और तब सभी को परेशानी होगी। इस इलाके में छोटी गलियां हैं। आपको एक बड़ी जगह की जरूरत है जहां हजारों लोग इकट्ठा हो सकें। अगर कुछ होता है तो आप जिम्मेदार नहीं होंगे लेकिन हम सभी ने देखा कि हाथरस भगदड़ में क्या हुआ।।
रवींद्रन ने कहा कि राज्य सरकार के पास दिल है लेकिन हमारे हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि हमें नियमों के अनुसार चलना है।
जस्टिस ने कहा कि हम सभी उनके साथ हैं। हम समझते हैं कि इस समय हर कोई दुखी और गुस्से में है। लेकिन हम कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने का जोखिम नहीं उठा सकते।
शुक्रवार को बसपा प्रमुख आर्मस्ट्रांग की हुई थी हत्या
47 वर्षीय बसपा प्रमुख आर्मस्ट्रांग की शुक्रवार शाम को उनके घर के पास कम से कम छह लोगों ने हत्या कर दी। अब तक आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। शहर की पुलिस ने इस जघन्य अपराध में किसी भी राजनीतिक पहलू से इनकार किया है।
मायावती ने की सीबीआई जांच की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने हमले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकार, खासकर सीएम से राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं। खासकर कमजोर वर्गों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए। अगर सरकार गंभीर होती तो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाता। चूंकि ऐसा नहीं है इसलिए हम राज्य सरकार से मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह करते हैं।
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