सार

मोदी सरनेम मानहानि मामले (Modi Surname Defamation Case) में सजा पा चुके राहुल गांधी के पास सजा माफी के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का विकल्प बचा है। लेकिन उनके खिलाफ पूर्णेश मोदी पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।

 

Rahul Gandhi Case. मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इस सजा की माफी के लिए राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है और सजा को बरकरार रखा। अब राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस दर्ज कराने वाले पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। ताकि जब एपेक्स कोर्ट राहुल गांधी के केस की सुनवाई करे तो उन्हें भी सुना जाए।

सुप्रीम कोर्ट में पूर्णेश मोदी ने क्यों दाखिल की कैविएट

गुजरात हाईकोर्ट में राहुल गांधी की दोष सिद्धि को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई। हाईकोर्ट ने कहा कि आवेदक के खिलाफ ऐसे 10 मामले चल रहे हैं। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि गुजरात कोर्ट का फैसला पूरी तरह से कानूनी आधार पर है। इसके बाद राहुल गांधी के सामने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है। वहीं इस मामले में राहुल गांधी को सजा दिलाने वाले पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी चाहते हैं कि सजा के खिलाफ कोई भी फैसला करने से पहले सुप्रीम कोर्ट को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए। यही वजह है कि पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है।

क्या है मोदी सरनेम मानहानि मामला

2019 के लोकसभा चुनाव की कैपेंनिंग के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मामले में 2023 में गुजरात कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई। इस फैसले के ठीक 1 दिन के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त हो गई। सजा माफी और कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का रूख किया लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली। गुजरात हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह सजा नियमों और कानून के तहत दी गई है।

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