सार
उत्तराखंड के चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट ऑफिस में करंट से हुई मौतों की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। चमोली के अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे ऑफिस के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट उतरने से कई जानें चली गई थी।
Chamoli Nanami Gange Project office electricity tragedy: उत्तराखंड के चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट ऑफिस में करंट से हुई मौतों की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। चमोली के अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे ऑफिस के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट उतरने से कई जानें चली गई थी। मजिस्ट्रेट रिपोर्ट के अनुसार, अर्थिंग में खामी की वजह से हादसा हुआ। हादसा 19 जुलाई को हुआ था इसमें 16 लोगों की जान चली गई थी। सात लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। चमोली के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी ने शनिवार को जांच रिपोर्ट शनिवार को सौंपी।
एसटीपी प्लांट की बिजली मानकों के अनुसार नहीं
चमोली में हुए हादसा की रिपोर्ट के अनुसार STP प्लांट में बिजली व्यवस्था मानकों के मुताबिक नहीं थी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की रखरखाव का जिम्मा दो कंपनियों के जिम्मे था। सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट की सिफारिश की गई है।
कैसे हुआ था हादसा?
उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी के तट पर एक ट्रांसफार्मर के फटने से पुल में करंट आ गया था, जिससे एक पुलिस अधिकारी सहित 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुल नमामि गंगे परियोजना का हिस्सा है। यह अलकनंदा नदी तक फैला है। हादसा मंगलवार रात को हुआ था। पुलिस को ग्रामीणों से खबर मिली कि एक चौकीदार की करंट लगने से मौत हो गई है। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो देखा कि कई लोगों की मौत करंट लगने से हुई है और कई गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद गंभीर रूप से घायलों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर की मदद से एम्स ऋषिकेश ले जाया गया। स्थानीय विधायक के मुताबिक, प्रोजेक्ट साइट पर बुधवार सुबह बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था। जैसे ही इस फेस को दोबारा जोड़ा गया, ट्रांसफॉर्मर फट गया। उन्होंने पॉवर कॉरपोरेशन पर मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई। अलकनंदा नदी हिमालय से निकलकर उत्तराखंड में भागीरथी नदी से आकर मिलती है। अलकनंदा और भागीरथी का संगम देवप्रयाग में है।
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