सार

महामहिम की फ्लाइट छूटने के बाद अगली फ्लाइट से करीब डेढ़ घंटे बाद वह हैदराबाद के लिए रवाना हुए। राजभवन ने बताया कि गवर्नर के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए जाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लेटर लिखा गया है।

बेंगलुरू। कर्नाटक राज्यपाल थावरचंद गहलोत को गुरुवा को अजीबो-गरीब स्थितियों से गुजरना पड़ा। गहलोत को बेंगलुरू से हैदराबाद के लिए फ्लाइट लेनी थी। वह एयरपोर्ट पर 15 मिनट पहले पहुंचे लेकिन अथॉरिटी ने बताया कि विमान का दरवाजा बंद हो चुका है, अंदर जाने की अब इजाजत नहीं मिल सकेगी। राज्यपाल को इस घटना से काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी। महामहिम की फ्लाइट छूटने के बाद अगली फ्लाइट से करीब डेढ़ घंटे बाद वह हैदराबाद के लिए रवाना हुए। राजभवन ने बताया कि गवर्नर के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए जाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लेटर लिखा गया है।

गुरुवार को हैदराबाद जा रहे थे कर्नाटक के राज्यपाल

दरअसल, राज्यपाल थावरचंद गहलोत गुरुवार को हैदराबाद जा रहे थे। फ्लाइट के लिए वह केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। गवर्नर हाउस के अधिकारी ने बताया कि एयरलाइन ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए राज्यपाल के बिना ही फ्लाइट का टेकऑफ करा दिया। जबकि राज्यपाल टेकऑफ के 15 मिनट पहले ही एयरपोर्ट पहुंचे थे। गवर्नर हाउस ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस संबंध में शिकायत की जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गवर्नर को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी। गहलोत को एयरएशिया की फ्लाइट I5-972 से बेंगलुरु से हैदराबाद के लिए दोपहर 2.05 बजे रवाना होना था। गहलोत एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में 1.50 बजे ही पहुंच गए थे और वहां उन्होंने कुछ वक्त बिताया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गवर्नर को एयरलाइन स्टाफ ने प्लेन में एंट्री नहीं दी। स्टाफ ने कहा कि फ्लाइट के दरवाजे बंद हो गए हैं।

पहली बार किसी राज्यपाल के साथ ऐसी हरकत

सूत्रों के मुताबिक, गवर्नर थावरचंद गहलोत लेट नहीं हुए थे। जब वे पहुंचे तो 5 मिनट बाकी थी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और फ्लाइट अटेनडेंट्स गवर्नर को एंट्री की परमिशन दे सकते थे। ये पहली बार है जब राज्यपाल को समय पर पहुंचने के बावजूद फ्लाइट में बैठने नहीं दिया गया। राज्यपाल थावरचंद गहलोत को हैदराबाद होते हुए रायचूर जाना था। 2.05 बजे की फ्लाइट छूटने के बाद उन्हें हैदराबाद के लिए अगली फ्लाइट 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे बाद मिली।

यह भी पढ़ें:

भीमा कोरेगांव के दो आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, पांच साल से जेल में थे एल्गार परिषद के वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा