सार

इसरो ने पहली बार चंद्रमा की सतह की थ्रीडी व्यू वाली तस्वीर जारी की है। जिसके बारे में बताया गया है कि यह तस्वीर चंद्रयान-2 के टेरैन मैपिंग कैमरा-2 ने लिंडबर्ग क्रेटर के पास ली है। चांद की 3डी तस्वीर देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे इसरो की बड़ी कामयाबी बताया है।

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बुधवार को पहली बार चंद्रमा की सतह की थ्रीडी व्यू वाली तस्वीर जारी की है। इसरो ने यह तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की है। जिसके बारे में बताया गया है कि यह तस्वीर चंद्रयान-2 के टेरैन मैपिंग कैमरा-2 ने लिंडबर्ग क्रेटर के पास ली है। तस्वीर को जारी करते हुए इसरो ने अपने ट्वीट में लिखा है, "#चंद्रयान 2 के टीएमसी-2 से ली गई क्रेटर के थ्रीडी व्यू को देखें। टीएमसी-2 से पूरे चांद की सतह का डिजिटल इलिवेशन मॉडल तैयार करने के लिए 5 एम स्पेटियल रिजॉल्यूशन और स्टिरियो ट्रिपलेट (फोर, नाडिर और एफ्ट व्यू) में तस्वीरें ली जा सकती हैं।" इन सब के इतर गौर करने वाली बात यह है कि इसरो द्वारा जारी किए गए चांद के 3 डी तस्वीर में गड्ढा नजर आ रहा है। 

सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग हुई तस्वीर

चांद की 3डी तस्वीर देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे इसरो की बड़ी कामयाबी बताया है। इसके साथ ही इसरो द्वारा जारी किए गए चांद की तस्वीर लोग जोर शोर से शेयर भी कर रहे हैं। आपको बता दें कि चंद्रयान-2 ने तीसरी बार चांद की तस्वीरें भेजी हैं। इससे पहले चंद्रयान-2 द्वारा अंतरिक्ष से ली गई पृथ्वी की तस्वीर और चांद की सतह की ली गई तस्वीर सामने आ चुकी है।

22 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2

मिशन चंद्रयान-2,  22 जुलाई को लॉन्च किया गया था। जिसे आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। जिसके बाद 14 अगस्त को लैंडर और रोवर ने पृथ्वी की कक्षा छोड़ी थी। उसके 6 दिन बाद इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। आगे के घटनाक्रम में 2 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हुआ था। मिशन के तय कार्यक्रम के अनुसार लैंडर को रात को 1 से 2 बजे के बीच लैंड करना था, लेकिन लैंडिंग से कुछ देर पहले ही इसरो का लैंडर से संपर्क टूट गया था। 

 

यह था पूरा घटनाक्रम 

2 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हुआ और लैंडिंग के लिए आगे बढ़ा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर 'विक्रम' के उतरने की सारी प्रक्रिया सामान्य चल रही थी। 35 किमी ऊपर से सतह पर उतरने की प्रक्रिया का काउंटडाउन 1:38 बजे शुरू हुआ।13 मिनट 48 सेकंड तक सब कुछ सही चला और आखिरी के डेढ़ मिनट पहले जब विक्रम 2.1 किमी ऊपर था, तभी करीब 1:55 बजे उसका इसरो से संपर्क टूट गया। यह स्थिति करीब 12 मिनट तक बनी रही। देर रात करीब 2:07 बजे वैज्ञानिकों ने बताया कि संपर्क बहाल करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, 2.18 बजे इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया, विक्रम से संपर्क टूट गया है और हम आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।