सार
क्योंझर के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी किशोर प्रुस्टी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में तीन बच्चों की मौत हुई है। जबकि बीते 18 दिनों में 13 बच्चों की मौत हुई है। 18 सितंबर तक 122 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नई दिल्ली। ओडिशा के एक अस्पताल में 13 बच्चों की मौत का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। राज्य के खनिज समृद्ध जिला क्योंझर के एक बाल चिकित्सालय में 18 दिनों में 13 बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन की कमी और कर्मचारियों की लापरवाही ने बच्चों की जान ले ली। मामला तूल पकड़ने के बाद राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एनके दास ने जांच रिपोर्ट तलब की है। उधर, डॉक्टर्स पर कार्रवाई की मांग को लेकर लोगों ने आंदोलन भी शुरू कर दिया है।
क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने?
ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एनके दास ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाना चाहिए। क्योंझर जिले के अधिकारियों से घटना के कारणों का पता लगाने का आदेश दिया है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मृतक बच्चों के परिजन का आरोप?
बच्चों के अस्पताल के स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में शनिवार को एक दर्जन से अधिक बच्चे एडमिट थे। देर रात में कुछ बच्चों की मौत हो गई। जानकार बताते हैं कि 18 दिनों में 13 बच्चों की मौत हुई है। मृतक बच्चों के परिजन ने आरोप लगाया कि शनिवार की रात में अस्पताल के डॉक्टर्स बच्चों की स्थिति गंभीर होने के बाद भी नहीं गए। एक बच्चे के परिजन मिथुन नायक ने बताया कि उनके छोटे भाई के बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि बच्चे को आईसीयू में भर्ती कराया गया था और समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। नायक ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी में डॉक्टर और नर्स हमेशा मौजूद रहने चाहिए लेकिन शनिवार की रात में वार्ड में कोई मौजूद नहीं था।
122 बच्चे अस्पताल में है भर्ती
क्योंझर के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी किशोर प्रुस्टी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में तीन बच्चों की मौत हुई है। जबकि बीते 18 दिनों में 13 बच्चों की मौत हुई है। 18 सितंबर तक 122 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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