सार
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(PLA) की फिर एक हरकत सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, चीनी आर्मी ने पिछले महीने उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर से लगे बॉर्डर पर सीमा उल्लंघन किया।
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(PLA) की फिर एक हरकत सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, चीनी आर्मी ने पिछले महीने उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर से लगे बॉर्डर पर सीमा उल्लंघन किया। बताया जाता है कि यह घटना पिछले महीने की है, जब चीन के 100 के करीब सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) क्रॉस की। गौरतलब है कि बाराहोती से ही चीन ने 1962 की जंग से पहले भी घुसपैठ की थी।
3 घंटे रहने के बाद लौटी PLA
इस घटना का न्यूज एजेंसी PTI ने खुलासा किया है। हालांकि asianet इसकी पुष्टि नहीं करता है। PTI के अनुसार, चीन सैनिकों ने यह घुसपैठ 30 अगस्त को की थी। वे LAC क्रॉस करके करीब 3 घंटे भारतीय सीमा में रहे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी पेट्रोलिंग की। बाद में चीन सैनिक लौट गए। मीडिया की अलग-अलग रिपोर्ट बताती हैं कि चीन सैनिक घोड़ों पर बैठकर आए थे। उन्होंने सीमा में घुसकर भारतीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया। जाते-जाते एक पुल भी तोड़कर गए। बताया जाता है कि बाराहोती सेक्टर में LAC के पास चीन के कुछ निर्माण भी किया है।
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LAC पर भारतीय सेना ने बढ़ाई चौकसी
चीन की हरकत के बाद भारतीय सेना ने LAC पर चौकसी बढ़ा दी है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब इतनी संख्या में चीनी सैनिकों ने LAC पार करने की हिम्मत दिखाई। इस समय पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद भारतीय सेना 3500 किमी लंबी LAC पर कड़ी निगरानी रखे हुए है। पिछले हफ्ते खबर आई थी कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में (LAC) के पास करीब 8 लोकेशन पर अस्थायी टेंट बनाए हुए हैं। ये टैंट काराकोरम पास के करीब वहाब जिल्गा से लेकर पीयु, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशिगॉन्ग, मान्जा और चुरुप तक बनाए गए। बता दें कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इसके बाद दोनों देशों के बीच शांति की दिशा में प्रयास हुए। फिर दोनों सेनाओं ने विवादित इलाकों में डिसएंगेजमेंट(पीछे हटना) पूरा कर लिया था। लेकिन अब फिर से चीन वही हरकतें कर रहा है।
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5 मई से बढ़ा दी थी सैनिकों की तादाद
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद भारत ने 5 मई को सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी। हालांकि फरवरी में दोनों देशों ने फरवरी में डिसएंगेजमेंट (Disengagement Process) पर एक समझौते के अनुरूप पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों की वापसी पूरी की थी। हालांकि कहा जा रहा है कि इस समय भी संवेदनशील क्षेत्र में LAC पर दोनों देशों के 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं।