सार
मध्य भारत के पांच राज्यों में 16 नए हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। इन पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में नौ हवाई अड्डे बनेंगे। राजस्थान में एक और महाराष्ट्र में दो हवाई अड्डे बनाए जाएंगे।
नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने सोमवार को पीएम-गति शक्ति सम्मेलन (PM-Gati Shakti Conference) को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए जानकारी दी कि मध्य भारत के पांच राज्यों में 16 नए हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। इन पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं।
मंत्री ने पीएम-गति शक्ति की सफलता के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच बेहतर एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के रीवा में एक हवाई अड्डा बनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, बिलासपुर और जगदलपुर में भी हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में नौ हवाई अड्डे बनेंगे। राजस्थान में एक और महाराष्ट्र में दो हवाई अड्डे बनाए जाएंगे।
सिंधिया ने यह भी कहा कि पिछले 70 वर्षों में केवल 74 हवाई अड्डे बनाए गए थे। अब पिछले सात वर्षों में 66 और हवाई अड्डे काम कर रहे हैं। भारत में अब कुल 140 हवाई अड्डे हैं। सिंधिया ने कहा, "पीएम गति शक्ति की सफलता देश में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी, जिससे 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार किया जाएगा। गति शक्ति पहल से न केवल देश में अधिक निवेश लाने में मदद मिलेगी बल्कि रोजगार के बड़े अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी।"
पीएम-गति शक्ति से भारत बनेगा महाशक्ति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों सहित दुनिया के कई देशों ने पिछले 70 वर्षों में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया है और ये सभी अब विकसित देश बन गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएम-गति शक्ति भारत को दुनिया की एक महाशक्ति बनाने के लिए एक महान पहल है। पहले की सरकारों में विकास योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन को लेकर कोई संकल्प नहीं था, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है।
मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में जहां 10 साल में सिर्फ एक एम्स बना था, वहीं अब मौजूदा सरकार के शासन में पिछले सात साल में 15 एम्स बन गए हैं। 7 साल में बंदरगाहों में कार्गो क्षमता 1280 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 1760 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है। 100 लाख करोड़ रुपए की लागत वाली पीएम-गति शक्ति वास्तव में भारत को एक वैश्विक महाशक्ति में बदलने का एक अभियान है।
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