ColdRif Cough Syrup Banned: राजस्थान और मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ कफ सीरप को लेकर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। झारखंड ने इसकी बिक्री प्रतिबंधित कर दी है, जबकि उत्तराखंड में दवा की दुकानों पर छापेमारी की जा रही है।

ColdRif Cough Syrup Banned: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत होने के बाद केंद्र सरकार ने चेतावनी जारी की है। इसके बाद कई राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है। तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केरल ने कोल्ड्रिफ कफ सीरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।झारखंड में इसकी बिक्री पर पूरी तरह रोक है, जबकि उत्तराखंड में दवा की दुकानों पर छापेमारी की जा रही है। पंजाब, बंगाल और छत्तीसगढ़ को भी सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इन राज्यों में लगी रोक

मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीरप बनाने वाली कंपनी के सभी उत्पादों पर रोक लगा दी है। श्रीसन कंपनी तमिलनाडु के कांचीपुरम में कफ सीरप बनाती है। तमिलनाडु सरकार ने जब कंपनी के सैंपल जांचे, तो एसआर-13 बैच में हानिकारक रासायनिक पदार्थ डायथिलीन ग्लाइकल बहुत ज्यादा पाया गया। इसके बाद तमिलनाडु ने तुरंत इस दवा पर रोक लगा दी और अन्य राज्य भी सतर्क हो गए। राजस्थान सरकार ने खांसी की दवा बनाने वाली जयपुर की कंपनी के सभी 19 उत्पादों पर रोक लगा दी। ये दवाएं सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दी जाती थीं। हालांकि, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि किसी बच्चे की मौत इन दवाओं से नहीं हुई।

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अन्य राज्यों की सतर्कता:

उत्तर प्रदेश: कोल्ड्रिफ सीरप सरकारी और निजी अस्पतालों में नहीं दी जा रही।

उत्तराखंड: दवा दुकानों पर छापेमारी।

पंजाब: कंपनी और बैच की दवा न देने के निर्देश।

बंगाल: स्थिति पर नजर।

झारखंड: सभी दुकानदारों को बिक्री रोकने के आदेश, लोगों से अपील कि अपने पास मौजूद दवा वापस करें।

हिमाचल प्रदेश: नेक्सा डीएस कफ सीरप के उत्पादन पर अस्थायी रोक, सप्लाई वापस लाने और सैंपल जांच के आदेश।

हिमाचल प्रदेश के बद्दी में बनने वाले नेक्सा डीएस कफ सीरप के उत्पादन पर दवा विभाग ने अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। साथ ही, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों को भेजी गई सप्लाई को वापस लाने के आदेश दिए गए हैं। सप्लाई किए गए सीरप के लॉट और बैच की भी जांच की जा रही है। शनिवार को बद्दी में 'नेक्सा डीएस' बनाने वाली पांच कंपनियों से नमूने लिए गए और उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया।