सार

छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री बदलने की मांग काफी दिनों से हो रही है। यहां ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के दो मुख्यमंत्रियों को कुर्सी पर बिठाने का फार्मूला बताया जा रहा है तय किया गया था।

नई दिल्ली। कांग्रेस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद एक राज्य में बगावत और असंतुष्टों को मनाने में केंद्रीय नेतृत्व को सारा ध्यान लगाना पड़ रहा है। पंजाब की स्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई थी कि एक बार फिर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गरमा गई है। राज्य के आधा दर्जन से अधिक विधायक रायपयुर से नई दिल्ली रवाना हो गए हैं। केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद ये विधायक एक साथ किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जाएंगे। 

क्या है मामला

दरअसल, छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री बदलने की मांग काफी दिनों से हो रही है। यहां ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के दो मुख्यमंत्रियों को कुर्सी पर बिठाने का फार्मूला बताया जा रहा है तय किया गया था। अब चूंकि, ढाई साल की समयावधि पूरी होने पर भूपेश बघेल की जगह दूसरे को कुर्सी सौंपने की बात हो रही है। कुछ दिनों पहले ही इस मुद्दे पर छत्तीगढ़ में रार मची थी लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद सबकुछ शांत हो गया था लेकिन एक बार फिर विधायकों के दिल्ली दरबार में पहुंचने की सूचना से यहां की सियासत गरमाती नजर आ रही है। हालांकि, यहां आने वाले सभी विधायक भूपेश बघेल के समर्थक हैं।

क्या है इन विधायकों का कार्यक्रम?

छत्तीसगढ़ के विधायक सर यूडी मिंज, राजकुमार यादव, विकास उपाध्याय समेत सात विधायक अलग-अलग फ्लाइट्स से दिल्ली रवाना हुए हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने के बाद एक साथ छुट्टियां मनाने शिमला जाएंगे। इनके पिकनिक प्रोग्राम से सियासी पारा के चढ़ने की कयास लगाई जा सकती है। 

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