सार

खड़गे ने लेटर में कहा कि आज आप महिलाओं के मंगलसूत्र के बारे में बात करते हैं। क्या आपकी सरकार मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, दलित लड़कियों के खिलाफ अत्याचार, बलात्कारियों को माला पहनाने के लिए जिम्मेदार नहीं है?

Kharge letter to PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर संपत्तियों का सर्वे कराकर मुसलमानों में बांटने के आरोपों पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने लेटर लिखा है। पीएम मोदी को लिखे गए लेटर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपकी भाषा या आपके भाषणों से न तो हैरान हूं न ही आश्चर्यचकित। उम्मीद थी कि चुनाव के पहले चरण में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन को देखने के बाद आप और आपकी पार्टी के अन्य नेता इस तरह से बोलना शुरू करेंगे।

खड़गे ने प्रधानमंत्री पर देश की गरीब और पिछड़ी महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। लेटर में उन्होंने कहा कि आज आप महिलाओं के मंगलसूत्र के बारे में बात करते हैं। क्या आपकी सरकार मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, दलित लड़कियों के खिलाफ अत्याचार, बलात्कारियों को माला पहनाने के लिए जिम्मेदार नहीं है? जब आपकी सरकार में किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो आप उनकी पत्नियों और बच्चों की सुरक्षा कैसे कर रहे हैं? कांग्रेस के मैनिफेस्टो के बारे में बताते हुए खड़गे ने कहा कि कृपया नारी न्याय के बारे में पढ़ें, जिसे हम सत्ता में आने पर लागू करेंगे।

पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह आदत सी बन गई है कि संदर्भ से हटकर लिए गए कुछ शब्दों को पकड़ना और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना। इस तरह से बोलकर आप कुर्सी की गरिमा कम कर रहे हैं। जब यह सब खत्म हो जाएगा तो लोगों को याद आएगा कि देश के प्रधान मंत्री ने चुनाव हारने के डर से ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।

सूट-बूट की सरकार केवल कॉरपोरेट के लिए करती है काम

मोदी सरकार को "सूट-बूट की सरकार" बताते हुए खड़गे ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार उन कॉरपोरेट्स के लिए काम करती है, जिनके टैक्स आपने कम कर दिए हैं जबकि वेतनभोगी वर्ग अधिक टैक्स चुकाता है। गरीब अपने भोजन और नमक पर भी जीएसटी का भुगतान करता है और अमीर कॉर्पोरेट जीएसटी रिफंड का दावा करते हैं। यही कारण है कि जब हम अमीर और गरीब के बीच असमानता की बात करते हैं तो आप जानबूझकर इसे हिंदू और मुस्लिम के साथ जोड़ रहे हैं। हमारा घोषणापत्र भारत के लोगों के लिए है, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख जैन या बौद्ध हो सकते हैं।

 

 

ताली बजाने वाले समर्थकों के बहवाने में न आए

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह उनके भाषणों पर ताली बजाने वाले समर्थकों के बहकावे में न आएं। वे आपको उन करोड़ों सही सोच वाले नागरिकों को सुनने की अनुमति नहीं दे रहे हैं जो आपके भाषणों से निराश हैं। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस न्याय पत्र का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों और सभी जातियों और समुदायों के हाशिए पर रहने वाले लोगों को न्याय प्रदान करना है। आपके सलाहकारों द्वारा आपको उन चीजों के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है जो हमारे घोषणापत्र में भी नहीं लिखी गई हैं। हमारे न्याय पत्र को समझाने के लिए आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी होगी ताकि देश के प्रधान मंत्री के रूप में आप कोई भी गलत बयान न दें।

क्या कहा है पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में?

दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा की रैली में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को कोट करते हुए कांग्रेस की मैनिफेस्टो को मुसलमानों का हिमायती बताया था। उन्होंने कहा था कि जब कांग्रेस डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सत्ता में थी, तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब है कि वे इस संपत्ति को इकट्ठा करेंगे और इसे उन लोगों के बीच वितरित करेंगे जिनके अधिक बच्चे हैं, घुसपैठियों के बीच। क्या आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों को दी जाएगी? क्या आपको यह स्वीकार है? कांग्रेस का घोषणापत्र यह कह रहा है।

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