सार
भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ(8 अगस्त) पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विवादास्पद भाषण और नारेबाजी(Controversial or hate speech) में फंसे भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ गए हैं। जानिए पूरा मामला...
नई दिल्ली. 8 अगस्त को 'भारत छोड़ो आंदोलन' की वर्षगांठ पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर सभा के दौरान विवादास्पद भाषण और नारेबाजी में फंसे भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय twitter पर ट्रेंड पकड़ गए हैं। इस मामले में उपाध्याय सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे पुलिस थाने पहुंचे। इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज की है। 5 लोगों से पूछताछ जारी है। अश्वनी उपाध्याय पेशे से वकील हैं। इस बीच twitter पर यह मामला ट्रेंड पकड़ गया है। कुछ लोग उन्हें गलत बता रहे हैं, तो कुछ #IsupportAshwiniUpadhyay के साथ सपोर्ट में आए हैं।
पहले जानें क्या है विवाद..
देर रात कनॉट प्लेस पुलिस थाने पहुंचे अश्विनी उपाध्याय ने पुलिस को बताया कि भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर 'सेव इंडिया फाउंडेशन' ने जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम रखा था। कोरोना गाइड लाइन के मद्देनजर वहां सिर्फ 50 लोगों को बुलाया गया था। लेकिन जब भीड़ बढ़ने लगी, तो दोपहर 12 बजे वे मंच छोड़कर चले गए और कार्यक्रम खत्म कर दिया गया। इस मामले में पुलिस अश्विनी उपाध्याय, प्रीत, क्रांति और आजाद विनोद से पूछताछ कर रही है। एक अन्य नाम दीपक सिंह हिंदू का भी है। क्राइम ब्रांच इस मामले को देख रही है।
'हिंदुस्तान में रहना होगा; राम-राम कहना होगा'
इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने मंच से हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा करने वाले भाषण दिए और नारे लगाए। हालांकि उपाध्याय इसे नकारते हैं। उनक तर्क है कि उन्हें नहीं मालूम कि नारे किसने लगाए। बता दें कि मंच से एक नारा-'हिंदुस्तान में रहना होगा; राम-राम कहना होगा' भी सुना गया। इस मामले में राजनीति दबाव बढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। हालांकि पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है, ताकि कोई साम्प्रदायिक विवाद पैदा न हो। दिल्ली पुलिस का कहना है कि आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस दावा कर रही है कि उसने हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को हिरासत में लिया है। हालांकि हिंदू सेना ने आरोप लगाए कि पुलिस ने गुप्ता को झूठे आरोप में पकड़ लिया है।
twitter पर ट्रेंड में आए अश्विनी उपाध्याय
यह मामला twitter पर ट्रेंड पकड़ चुका है। कई लोग इस मामले की निंदा कर रहे हैं, तो कुछ उपाध्याय का समर्थन भी।
एक यूजर ने लिखा-अश्विनी उपाध्याय कोर्ट में हमारे लिए खड़े हैं, क्या हम उनके लिए खड़े नहीं हो सकते? आइए हम सब मिलकर कहें, #ISupportAshwiniUpadhyay
एक अन्य यूजर ने लिखा- मैं अश्विनी उपाध्याय को जानता हूं। वह एक बहुत अच्छा, वफादार और देशभक्त है। #IsupportAshwiniUpadhyay
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