सार
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी किया है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। यात्रियों की रैंडम कोरोना जांच भी होगी।कोई यात्री कोरोना संक्रमण के लिए संदिग्ध पाया जाता है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा।
नई दिल्ली। चीन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण में हुई वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन में कहा गया है कि एयरपोर्ट पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। यात्रियों की रैंडम कोरोना जांच भी होगी। कोई यात्री कोरोना संक्रमण के लिए संदिग्ध पाया जाता है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा।
ये हैं गाइडलाइन
- सभी यात्रियों के लिए कोरोना का टीका लिए हुए होना जरूरी है।
- विमान में उड़ान भरने के दौरान कोरोना से बचाव के उपाए अनाउंस किए जाएंगे। यात्रियों को मास्क पहनना होगा और दूसरे यात्रियों से दूरी बनाकर रखनी होगी।
- अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे आइसोलेट किया जाएगा। उस यात्री को मास्क पहनना होगा। लैंडिंग के बाद इलाज के लिए यात्री को आइसोलेशन की सुविधा वाले स्वास्थ्यकेंद्र में भेजा जाएगा।
- एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद एक दूसरे से दूरी बनाकर रखते हुए विमान से उतरना है।
- एयरपोर्ट पर स्वास्थ्यकर्मी द्वारा सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
- स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखे तो उसे तुरंत आइसोलेट किया जाएगा और स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा।
- एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद विमान के दो फीसदी यात्रियों की रैंडम कोरोना जांच होगी।
- किस यात्री की रैंडम जांच की जानी है इसका चुनाव एयरलाइंस द्वारा किया जाएगा। यात्री से सैंपल लिया जाएगा उसके बाद उसे एयरपोर्ट से जाने की इजाजत होगी।
- अगर वह यात्री की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसके सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए INSACOG लेबोरेटरी नेटवर्क में भेजा जाएगा।
- संक्रमित यात्री को आइसोलेशन में रहना होगा और स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार उसका इलाज होगा।
- हर यात्री को भारत आने के बाद अपनी सेहत पर नजर रखनी है। अगर कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो नजदीकि स्वास्थ्य केंद्र या नेशनल हेल्पलाइन नंबर (1075) पर कॉल कर जानकारी देनी है।
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों की रैंडम जांच नहीं होगी। बच्चों के परिजनों को उनके स्वास्थ्य की निगरानी करनी है। कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो बच्चेकी जांच की जाएगी और उसका इलाज होगा।
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