सार

अम्फान तूफान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाई है। दोनों राज्यों में तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में 5500 मकानों को नुकसान पहुंचा है। 21 साल के सबसे ताकतवर तूफान के कहर से बचने के लिए बंगाल में 5 लाख तो ओडिशा में 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 

कोलकाता. अम्फान तूफान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाई है। दोनों राज्यों में तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है। हालांकि अभी तक तीन लोगों के मौत की पुष्टि की गई है। पश्चिम बंगाल में 5500 मकानों को नुकसान पहुंचा है। देर रात तक दोनों राज्यों में जोरदार बारिश और तेज हवाओं का दौर चलता रहा। 21 साल के सबसे ताकतवर तूफान के कहर से बचने के लिए बंगाल में 5 लाख तो ओडिशा में 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 

कोलकाता में 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा

बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी, जबकि कई घंटे बाद तक कोलकाता शहर में 130 किमी प्रति घंटे की तक की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं। अम्फान का सबसे ज्यादा कहर प. बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, मिदनापुर और कोलकाता में रहा। 

बंगाल में 10-12 लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल में तूफान से तबाही कितनी हुई इसका हिसाब किताब अभी बाकी है, लेकिन सीएम ममता बनर्जी कह रही हैं कि कम से कम 10-12 लोग तो तूफान की भेंट चढ़ ही गए हैं। उनका कहना है कि डीएम, एसपी और प्रशासन के अधिकारी जमीनी स्तर पर हैं। अभी नंबर के बारे में सही जानकारी नहीं है, लेकिन 10-12 लोगों की मौत हुई है। 

ओडिशा में तीन लोगों ने गंवाई जान

बंगाल के मुकाबले ओडिशा में तूफान का कहर कुछ कम रहा। यहां ज्यादा असर बालासौर, भद्रक और केंद्रपाड़ा में दिखा लेकिन इन इलाकों में भी हवा की रफ्तार 110 किमी से ज्यादा नहीं रही। इसके बावजूद ओडिशा में अभी तक 3 लोगों की मौत की खबर है। 

कितना बड़ा तूफान है?

देश में 21 साल के बाद कोई सुपर साइक्लोन आया है। 1999 में एक चक्रवात ओडिशा के तट से टकराया था। उसे साइक्लोन ओ5 बी या पारादीप साइक्लोन का नाम दिया गया था। जिसके बाद अब 2020 में सबसे बड़ा तूफान अम्फान आया है।