Dehradun Pet Dog FIR Rule: देहरादून में पालतू कुत्ता अगर किसी को काट ले तो क्या अब मालिक सीधे पुलिस केस में फंस जाएगा? नगर निगम के नए डॉग लाइसेंसिंग बायलॉज़-2025 ने शहर में हलचल मचा दी है। FIR, कुत्ते की कस्टडी और सख्त नियम-अब जिम्मेदारी बन गया है?

देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में पालतू कुत्तों को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला सामने आया है। अगर अब कोई पालतू कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है, तो सीधे उसके मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। नगर निगम देहरादून ने यह सख्त कदम कुत्तों के बढ़ते हमलों को देखते हुए उठाया है। खासकर रॉटवीलर जैसी गुस्सैल और आक्रामक नस्लों के कुत्तों के हमलों के बाद प्रशासन पर लगातार दबाव बन रहा था।

आखिर देहरादून में पालतू कुत्तों को लेकर नियम क्यों बदले गए?

पिछले कुछ समय से देहरादून में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं। कई मामलों में मासूम बच्चे, बुजुर्ग और राह चलते लोग शिकार बने। कुछ घटनाओं में पालतू कुत्ते अचानक गुस्से में आकर हमला कर बैठे। इन घटनाओं के बाद सवाल उठने लगे कि क्या कुत्ते के हमले की जिम्मेदारी सिर्फ जानवर की है या उसके मालिक की भी? इसी सवाल का जवाब देते हुए नगर निगम देहरादून ने डॉग लाइसेंसिंग बायलॉज़-2025 तैयार किए हैं।

डॉग लाइसेंसिंग बायलॉज़-2025 में क्या-क्या सख्त प्रावधान हैं?

नए नियमों के तहत अब सिर्फ चालान काटकर मामला खत्म नहीं होगा। अगर कोई पालतू कुत्ता किसी को काटता है, तो मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर नगर निगम उस कुत्ते को अपनी कस्टडी में भी ले सकता है। इसका साफ मतलब है कि अब पालतू कुत्ता रखना केवल शौक नहीं, बल्कि कानूनी जिम्मेदारी भी बन गई है।

क्या हर पालतू कुत्ते का लाइसेंस जरूरी होगा?

हाँ। नए नियमों के अनुसार, तीन महीने से ज्यादा उम्र के हर पालतू कुत्ते के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। यह लाइसेंस रजिस्ट्रेशन या रिन्यूअल की तारीख से एक साल तक वैध रहेगा। बिना लाइसेंस कुत्ता पालना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन क्यों अनिवार्य किया गया?

कुत्ते के काटने से सबसे बड़ा खतरा रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का होता है। इसी वजह से रजिस्ट्रेशन के समय सरकारी या मान्यता प्राप्त पशु चिकित्सक द्वारा जारी एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी किया गया है। बिना वैक्सीनेशन के कुत्ते का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।

क्या यह नियम सभी नस्लों पर लागू होगा या सिर्फ खतरनाक कुत्तों पर?

नगर निगम ने साफ किया है कि नियम सभी पालतू कुत्तों पर लागू होंगे। हालांकि रॉटवीलर, पिटबुल जैसी आक्रामक नस्लों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। अगर किसी कुत्ते को खतरनाक पाया गया, तो उस पर अतिरिक्त कार्रवाई भी हो सकती है।

पालतू कुत्ता पालने वालों को अब क्या सावधानी रखनी होगी?

अब कुत्ता पालने वालों को यह समझना होगा कि उनके कुत्ते की हर हरकत की जिम्मेदारी उनकी होगी। कुत्ते को खुला छोड़ना, बिना मुँह बांधे सार्वजनिक जगहों पर ले जाना या वैक्सीनेशन में लापरवाही अब भारी पड़ सकती है।

देहरादून में नया नियम क्या संदेश देता है?

यह फैसला साफ संकेत देता है कि देहरादून प्रशासन अब आम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। पालतू कुत्ते पालना गलत नहीं है, लेकिन लापरवाही अब कानूनन अपराध बन सकती है।