दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट (12 मौतें) की जांच फरीदाबाद के एक टेरर मॉड्यूल से जुड़ी है। पुलिस 2000+ छात्रों से पूछताछ कर रही है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी से हथियार मिले और डॉक्टरों से जुड़े ₹20 लाख के फंड ट्रेल का भी पता चला है।
फरीदाबाद: लाल किले ब्लास्ट के संभावित लिंक की जांच सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। फरीदाबाद पुलिस ने सोमवार को शहर में किराए पर रह रहे कई कश्मीरी छात्रों से पूछताछ जारी रखी। यह पूछताछ इस कोशिश में की जा रही है कि ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार कथित "व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल" से जुड़े कोई और सुराग या लिंक मिल सकें। फरीदाबाद पुलिस के एक बयान के मुताबिक, "लाल किले के पास हुए ब्लास्ट के बाद, पुलिस फरीदाबाद में किराए पर रह रहे कश्मीरी छात्रों और किरायेदारों से पूछताछ कर रही है। अब तक, फरीदाबाद पुलिस 2,000 से ज्यादा किरायेदारों से पूछताछ कर चुकी है और उनसे आगे भी पूछताछ जारी है।"
जांच का सेंटर प्वांट बना अल-फलाह यूनिवर्सिटी
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ही वह जगह है, जहां अधिकारियों ने कथित "टेरर मॉड्यूल" से जुड़े शुरुआती कनेक्शन का खुलासा किया था। अधिकारियों को यहां से हथियार, विस्फोटक, अमोनियम नाइट्रेट जैसी चीजें मिली थीं। ब्लास्ट के बाद से, जांच एजेंसियों ने ब्लास्ट और मॉड्यूल के सदस्यों से जुड़े किसी भी कथित लिंक का पता लगाने के लिए एक अंतर-राज्यीय जांच शुरू की है। यह जांच दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा), और जम्मू-कश्मीर में चल रही है। इससे पहले, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंची थी और मामले से जुड़ी पूछताछ की थी। फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले की जांच अभी भी जारी है, और एजेंसियां दिल्ली-एनसीआर इलाके में कई जगहों से मिल रहे सुरागों पर नज़र रख रही हैं।
विस्फोटक बनाने के लिए हवाला नेटवर्क के जरिए आया पैसा
खुफिया एजेंसियों ने 3 डॉक्टरों, उमर, मुजम्मिल और शाहीन से जुड़े 20 लाख रुपये के फंड ट्रेल का पता लगाया है। रविवार को खुफिया सूत्रों ने बताया कि शक है कि यह रकम जैश-ए-मोहम्मद के एक हैंडलर ने हवाला नेटवर्क के जरिए भेजी थी। माना जा रहा है कि इसमें से करीब 3 लाख रुपये 26 क्विंटल NPK खाद खरीदने पर खर्च किए गए थे। यह नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आधारित एक केमिकल कंपाउंड है जिसका इस्तेमाल खेती में होता है, लेकिन इससे ब्लास्ट में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक भी बनाए जा सकते हैं।
4 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है रद्द
बता दें, 10 नवंबर को, राजधानी में लाल किला परिसर के पास हुए ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को दिल्ली पुलिस ने लाल किला ब्लास्ट जांच में आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत एक नई FIR दर्ज की है। यह नई FIR 10 नवंबर को ऐतिहासिक लाल किला इलाके के पास हुए कार ब्लास्ट के कुछ दिनों बाद दर्ज की गई है, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है। शुक्रवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने जम्मू-कश्मीर के 4 डॉक्टरों - डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राथर, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद - का रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से भारतीय चिकित्सा रजिस्टर/राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर से रद्द कर दिया था।
जांच एजेंसियों को मिला चौंकाना वाला इनपुट
शुरुआती जांच से पता चलता है कि आरोपी समूहों ने जोड़ों में घूमने की योजना बनाई थी, जिनमें से हर एक के पास एक साथ हमले करने के लिए कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) थे। दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की है कि लाल किले के पास कार ब्लास्ट करने वाला शख्स डॉ. उमर उन नबी था। फॉरेंसिक डीएनए टेस्टिंग में उसका जैविक सैंपल उसकी मां के सैंपल से मैच हो गया। हालांकि, अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल से खुद को अलग कर लिया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि आरोपियों के साथ उनका उनकी आधिकारिक भूमिकाओं से परे कोई संबंध नहीं है, और यूनिवर्सिटी परिसर में किसी भी संदिग्ध केमिकल या सामग्री का इस्तेमाल या भंडारण नहीं किया जा रहा है।
