दिल्ली लाल किला कार ब्लास्ट में 12 मौतें और 20 से ज़्यादा घायल। 500-सदस्य स्ट्राइक टीम जांच में जुटी। मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी। क्या इस हमले के पीछे और भी षड्यंत्र हैं और क्या दोषियों को न्याय मिलेगा?

नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए भयंकर कार ब्लास्ट ने राजधानी को हिला कर रख दिया। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज़्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। धमाके के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने जवाबी कार्रवाई के लिए 500 लोगों की स्ट्राइक टीम तैनात कर दी। यह टीम इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG), स्पेशल सेल और स्थानीय पुलिस के हाई-ट्रेन्ड अधिकारियों से बनी है। इस टीम में कांस्टेबल, इंस्पेक्टर, ACP, DCP, एडिशनल CP, जॉइंट CP और स्पेशल CP तक शामिल हैं। हर टीम को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है ताकि जांच तेजी से और पूरी तरह की जा सके।

धमाके के पीछे कौन है?

जांचकर्ताओं के अनुसार, इस आत्मघाती हमले का मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी है, जो पुलवामा का रहने वाला और फरीदाबाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाला डॉक्टर है। सूत्रों के मुताबिक, कार में बैठकर उसने धमाका किया। इससे पहले इसी कॉलेज से एक और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुज़म्मिल शकील को गिरफ्तार किया गया था, जो फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा माना जा रहा है।

क्या सभी CCTV फुटेज से खुलासा होगा?

धमाके के बाद 1,000 से अधिक CCTV फुटेज क्लिप की बारीकी से जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि कार किस रास्ते से आई, इसमें और कौन शामिल था, और धमाके के पीछे किसी बड़े नेटवर्क का हाथ तो नहीं।

क्या फरीदाबाद मॉड्यूल और लश्कर का कनेक्शन सामने आएगा?

सूत्रों के मुताबिक, जिस हुंडई i20 कार का इस्तेमाल हुआ, वह हरियाणा से बदरपुर होते हुए दिल्ली में दाखिल हुई थी। अब तक करीब 13 लोगों को जांच के दायरे में लिया गया है। पुलिस पूछताछ कर रही है कि कार में यात्रा करने वाला कौन था और किसके निर्देश पर यह हमला हुआ।

क्या देशवासियों को न्याय मिलेगा?

इस हमले के बाद केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने हाई-लेवल सुरक्षा समीक्षा की है। स्पेशल सेल, NSG और NIA के अधिकारी लगातार जांच में लगे हुए हैं। देशभर के नागरिक भी यह जानने के लिए बेचैन हैं कि क्या इस खतरनाक हमले के सभी षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।