दिल्ली लाल किला विस्फोट मामले में डॉ. शाहीन शाहिद की मारुति ब्रेज़ा, i20 और EcoSport कारों में छुपे विस्फोटक, अमोनिया नाइट्रेट, TATP और जैश-ए-मोहम्मद नेटवर्क का रहस्य उजागर। 26 लाख रुपये, स्विट्जरलैंड ऐप से समन्वय और 13 मौतें हुईं।
नई दिल्ली। 10 नवंबर को दिल्ली लाल किला के पास हुए धमाके ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। इस मामले की जांच अब तक जारी है और इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। सबसे अहम है डॉ. शाहीन शाहिद की मारुति सुज़ुकी ब्रेज़ा, जिसे उन्होंने हाल ही में खरीदा था। क्या यही कार विस्फोट के पीछे की मुख्य साजिश का हिस्सा थी?
क्या डॉ. शाहीन शाहिद और पुलवामा के डॉ. मुज़म्मिल गनई का लिंक है?
जाँच में सामने आया कि 43 वर्षीय पूर्व कैंपस डॉक्टर डॉ. शाहीन शाहिद, जिन्हें "मैडम सर्जन" कहा जाता था, जैश-ए-मोहम्मद नेटवर्क की एक प्रमुख सदस्य थीं। उन्होंने पुलवामा के 28 वर्षीय डॉक्टर डॉ. मुज़म्मिल गनई के साथ तस्वीर खिंचवाई थी। सूत्रों के मुताबिक गनई नेटवर्क का सबसे कट्टर और खतरनाक सदस्य है।
मारुति ब्रेज़ा के अलावा कौन-सी कारों में था विस्फोटक?
जाँच में पाया गया कि केवल ब्रेज़ा ही नहीं, बल्कि मॉड्यूल ने ऑपरेशन के लिए दो और गाड़ियाँ खरीदी थीं – एक हुंडई i20 और एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट। i20 को लाल किले के पास विस्फोटित किया गया, जबकि इकोस्पोर्ट फरीदाबाद से बरामद की गई।
क्या अमोनिया नाइट्रेट और TATP का इस्तेमाल हुआ?
अल फलाह विश्वविद्यालय के कमरे नंबर 13 से फॉरेंसिक जांच में अमोनिया नाइट्रेट के अंश मिले। इसे ट्राइएसीटोन ट्राइपेरोक्साइड (TATP) के साथ मिलाकर विस्फोटक बनाया गया। डॉ. उमर नबी ने i20 कार को लाल किला मेट्रो स्टेशन की ओर धीरे-धीरे चलाया, और कार में विस्फोट हुआ।
आतंकियों ने योजना कैसे बनाई?
जांच में पता चला कि डॉ. उमर नबी, डॉ. मुज़म्मिल गनई और डॉ. शाहीन शाहिद ने आतंकवादी साजिश की योजना बनाने और समन्वय के लिए स्विट्जरलैंड स्थित एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल किया। चारों संदिग्धों ने 26 लाख रुपये नकद इकट्ठा किए, जिसे उमर को ऑपरेशन के लिए सौंपा गया।
क्या 6 दिसंबर को बड़ा VBIED प्लान था?
28 वर्षीय उमर कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले नेटवर्क का सबसे कट्टर सदस्य माना जाता है। अधिकारियों के मुताबिक, उसने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास बड़े वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड विस्फोट (VBIED) की योजना बनाई थी।
क्या यह जटिल अंतरराज्यीय नेटवर्क है?
2021 में डॉ. उमर और गनई की तुर्की यात्रा के बाद ये नेटवर्क सक्रिय हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर के पास भारी मात्रा में रसायन इकट्ठा किए- 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर। दिसंबर की साजिश श्रीनगर पुलिस की जांच के बाद रोकी गई, लेकिन लाल किले के पास एक असमय विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई।
