सार
भारत के बाद अमेरिका में टिकटॉक को सुरक्षा का हवाला देकर बैन लगा दिया गया था। अब टिकटॉक अमेरिकी बाजार में बने रहने के लिए कोर्ट का सहारा लेगी। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने शनिवार को कहा कि 'हम तय करेंगे कि यूजर्स के साथ इंसाफ हो और कानून का उल्लंघन नहीं हो।
वॉशिंगटन. भारत के बाद अमेरिका में टिकटॉक को सुरक्षा का हवाला देकर बैन लगा दिया गया था। अब टिकटॉक अमेरिकी बाजार में बने रहने के लिए कोर्ट का सहारा लेगी। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने शनिवार को कहा कि 'हम तय करेंगे कि यूजर्स के साथ इंसाफ हो और कानून का उल्लंघन नहीं हो। हमारे पास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश को कोर्ट में चैलेंज देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। 24 अगस्त को कोर्ट में अपील करेंगे।'
ट्रम्प ने बाइटडांस के खिलाफ 14 अगस्त को आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि 'टिकटॉक का अमेरिकी बिजनेस 90 दिनों के अंदर किसी अमेरिकी कंपनी को नहीं बेचा तो बैन लगा देंगे।'
ट्रम्प ने दिया था राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सुरक्षा का हवाला देकर टिकटॉक पर बैन लगा दिया था। ट्रंप ने कहा था कि 'चाइनीज ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और इकोनॉमी के लिए खतरा बने हुए हैं। टिकटॉक ऑटोमैटिकली यूजर की जानकारी हासिल कर लेता है। इसके जरिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिका के लोगों की जिंदगी में ताक-झांक करने का मौका मिल जाता है। इससे वह अमेरिकी कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स की लोकेशन ट्रैक कर सकता है, बिजनेस से जुड़ी जासूसी कर सकता है और पर्सनल इन्फॉर्मेशन के आधार पर ब्लैकमेल भी कर सकता है।'
चीन से दूरी बना रही टिकटॉक
टिकटॉक ने मई में केविन मेयर को सीईओ बना दिया था। इससे पहले केविन अमेरिकी कंपनी डिज्नी से जुड़े हुए थे। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने पिछले महीने अपना हेडक्वार्टर बीजिंग से वॉशिंगटन शिफ्ट करने की बात भी कही थी। उसने जासूसी करने के आरोपों को भी गलत बताया है।