सार

चिदंबरम की गिरफ्तारी की ईडी की याचिका पर अदालत ने निर्णय सुरक्षित रखा। सिब्बल ने अदालत से अपने उस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया जिसमें तिहाड़ जेल के अधिकारियों को चिदंबरम को उसके समक्ष पेश करने के निर्देश दिए गए थे।

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ की अनुमति मांगने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

चिदंबरम से पूछताछ जरूरी

एजेंसी की ओर से पेश हुए जनरल तुषार मेहता ने विशेष न्यायाधीश को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी जरूरी है। मेहता ने कहा कि धनशोधन एक अलग अपराध है। उन्होंने चिदंबरम की गिरफ्तारी और रिमांड के लिए अर्जी दी। चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका का विरोध किया और कहा कि चिदंबरम पहले से ही सीबीआई की हिरासत में हैं, उसी अपराध में उन्हें हिरासत में लेने का ईडी के पास कोई आधार नहीं है।

 चिदंबरम 17अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में 

तुषार मेहता ने कहा, ‘‘सीबीआई ने पहले ही भुगतान और विदेशी कंपनियों की जांच के लिए उनकी हिरासत मांगी है, और अब ईडी इसकी जांच करना चाहता है।’’ सिब्बल ने अदालत से अपने उस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया जिसमें तिहाड़ जेल के अधिकारियों को चिदंबरम को उसके समक्ष पेश करने के निर्देश दिए गए थे। चिदंबरम इस समय केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को अदालत में पेश करने के अनुरोध वाली एक याचिका शुक्रवार को दाखिल की थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)