सार

Eid Ul Adha 2023: बकरीद के मौके पर इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि कुर्बानी का मकसद खुदा की इबादत और उससे जुड़ना होना चाहिए। सोशल मीडिया पोस्ट डालना और दिखावे से बचना चाहिए।

 

श्रीनगर (कश्मीर)। ईद उल अधा का त्योहार कल देश के साथ ही विश्वभर में मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज के के लिए, ईद-उल-अधा (बकरा-ईद) का त्योहार कुर्बानी की भावना जगाता है। हालाँकि क्या आजकल कुर्बानी एक कार्यक्रम मात्र ही रह गया है। कुर्बानी करने वाले मुसलमानों को दिल का पाक साफ रखने पर खास ध्यान देने चाहिए। ऐसे में बकरीद पर कुर्बानी के मकसद और इसके मायने पर ध्यान देना जरूरी है।

bakrid 2023: इबादत में दिखावा न हो
बकरीद पर इबादत अल्लाह की और उसके लिए होनी चाहिए। इसलिए कोई दिखावा जरूरी नहीं है और इससे बचकर रहना चाहिए। लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में हर त्योहार के सोशल मीडिया ने काफी हद तक मायने ही बदल दिए हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव से सभी धर्म और समाज प्रभावित हो रहे हैं।

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Eid Ul Adha 2023: सोशल मीडिया पर पोस्ट क्यों
गौर करने वाली बात है हम रोज इबादत करते हैं तो उसे दूसरों को तो बताते नहीं, न ही दान या जकात के बाद सब को इस बारे में बताते हैं तो किसी खास मौके पर इबादत या उससे जुड़ी चीजों को सोशल मीडिया पर हम क्यों डालते हैं। काफी लोग ऐसा करते हैं कि कुर्बानी के लिए लाए गए बकरे की फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं जो बेहद गलत है।

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animals qurbani on bakrid: इस्लामी शरीयत में कुर्बानी 
हदीसों में जानवर की बलि की इजाजत है, लेकिन इस्लामी शरीयत के दायरे में रहकर यह करना चाहिए। मतलब ये कि किसी जानवर को कुर्बानी के लिए ले जाते समय घसीटना या कान से खींचकर ले जाना गलत है। कुर्बानी से पहले उसे तकलीफ नहीं देनी चाहिए। कुर्बानी से पहले चाकू की धार तेज होनी चाहिए ताकि जानवर को दर्द कम हो। इस बात का ख्याल रखें कि एक जानवर की कुर्बानी दूसरे जानवर के सामने न करें। जानवर का शरीर ठंडा होने से पहले उसकी खाल न उतारें।