सार

One nation one election : पांच राज्यों के चुनावों की मतगणना जारी है। ओमीक्रोन (Omicron) और कोविड 19 (Covid 19) की चुनौती के बीच आयोग ने पांचों राज्यों में सुरक्षित चुनाव करवाए हैं। चुनाव आयोग एक देश, एक चुनाव पर भी काम करने में सक्षम है, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है। यह बात देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कही। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव (5 State elections)के लिए 31 हजार नए पोलिंग बूथ बनाए गए।

नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनावों की मतगणना जारी है। ओमीक्रोन (Omicron) और कोविड 19 (Covid 19) की चुनौती के बीच आयोग ने पांचों राज्यों में सुरक्षित चुनाव करवाए हैं। चुनाव आयोग (Election Commission) एक देश, एक चुनाव पर भी काम करने में सक्षम है, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है। यह बात देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (CEC Sushil Chandra) ने कही। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव (5 State elections)के लिए 31 हजार नए पोलिंग बूथ बनाए गए। 1,900 मतदान केंद्र ऐसे बनाए जो महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे। इस वजह से बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखी गई। 5 में से 4 राज्यों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत अधिक था। उन्होंने किस मुद्दे पर क्या कहा, पढ़ें...

ईवीएम पर : वाराणसी में जिस ईवीएम को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया, उसे मतगणना की ट्रेनिंग के लिए ले जाया जा रहा था। यह एडीएम की गलती से हुआ, जिन्होंने राजनीतिक पार्टियों को इसकी जानकारी नहीं दी। कोई भी ऐसी ईवीएम स्ट्रांग रूम से नहीं निकाली जा सकती है, जिस पर वोट डाले गए हों। हमने जब पार्टियों को समझाया तब उन्हें सही जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है। 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, 2019 में हमने हर पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. राजनीतिक दल के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम। सील की गई। 

एक देश एक चुनाव : उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है, लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है। चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है और एक साथ सभी चुनाव कराने में सक्षम है। हम 5 साल में सिर्फ एक बार चुनाव कराने को तैयार हैं। 
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि मतगणना एक पारदर्शी प्रक्रिया है।  एक मानक संचालन प्रक्रिया है, जिसके तहत हम मतगणना करते हैं। राजनीतिक दलों के अधिकृत मतदान एजेंटों को मतगणना केंद्र के अंदर आने की अनुमति दी जाती है। 

आचार संहिता उल्लंघन : ओमिक्रॉन लहर के कारण चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध के दौरान चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन को गंभीरता से लिया। सभी 5 राज्यों में Covid 19 ​​​​मानदंडों के उल्लंघन के साथ-साथ आचार संहिता उल्लंघन के लिए लगभग 2,270 प्राथमिकी दर्ज की गईं। चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं। 

उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि : 'नो योर कैंडिडेट' ऐप चुनाव आयोग की एक सफल पहल थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को मतदाताओं के बारे में पता होना चाहिए। इसलिए, हमने यह ऐप बनाया। इस चुनाव में 6,900 उम्मीदवारों में से 1,600 से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे। 

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