सार

कथित टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को गिरफ्तार किया है। इस मामले में यह 14वीं गिरफ्तारी है। इससे पहले रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी चैनल के कर्मचारी इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं।

मुंबई. कथित टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को गिरफ्तार किया है। इस मामले में यह 14वीं गिरफ्तारी है। इससे पहले रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी चैनल के कर्मचारी इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं। हालांकि, 1-2 को छोड़कर सभी को जमानत मिल चुकी है।  

क्राइम ब्रांच के मुताबिक, जांच में रामगढ़िया के केस में शामिल होने का पता चला है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। रामगढ़िया को स्थानीय अदालत ने 19 दिसंबर तक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले रविवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी को टीआरपी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को उन्हें जमानत भी मिल गई है। 

रामगढ़िया बोले- मामले से कुछ लेना देना नहीं
सुनवाई के दौरान रोमिल रामगढ़िया के वकील ने कहा, उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है। रोमिल कंपनी से 1 महीने पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। उनका केस से कोई लेना देना नहीं है। वकील ने कहा, रामगढ़िया की रेटिंग एजेंसी BARC में बहुत विशिष्ट भूमिका थी और वह किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल नहीं थे। वहीं, क्राइम ब्रांच का कहना है कि अभी रोमिल से पूछताछ बाकी है। 

क्या है टीआरपी केस ? 
अक्टूबर में टीआरपी केस सामने आया था। मुंबई पुलिस ने हंसा कंपनी के एक अधिकारी पर मामला दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक को गिरफ्तार किया था। इस मामले में मुंबई पुलिस ने नवंबर में  कथित फर्जी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स केस में 1400 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और न्यूज नेशन समेत 6 चैनलों के नाम थे। 

क्या होती है टीआरपी?
टेलीविजन रेटिंग पॉइंट को टीआरपी कहते हैं। इसके जरिए टीवी प्रोग्राम की लोकप्रियता और ऑडियंस का नंबर पता चलता है। ज्यादा टीआरपी का मतलब होता है कि लोग उस चैनल या उस शो को पसंद कर रहे हैं। इसी के आधार पर एडवर्टाइजर्स के जरिए एड भी मिलते हैं।