PIB Fact Check: सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें निवेश के जरिये हर महीने 10 लाख रुपए तक कमाने की बात कहते हुए दिखाया गया है। फैक्ट चेक में ये वीडियो पूरी तरह फर्जी निकला है।   

Fact Check: सोशल मीडिया पर तमाम तरह के फर्जी वीडियो वायरल होते रहते हैं। ऐसा ही एक फेक वीडियो फेसबुक पर वायरल हो रहा है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम में बोलते हुए दिखाया गया है। इसमें वित्त मंत्री कहती हैं, कोई भी इस प्रोग्राम में अपना अकाउंट खोलकर एक दिन में 60,000 और महीनेभर में 10 लाख रुपए तक की कमाई कर सकता है। वीडियो में वित्त मंत्री कहती हैं- मैंने कई लोगों को देखा है, जो फर्जी वेबसाइटों पर भरोसा करके अपना पैसा गंवा बैठते हैं। आप लोग भी इस तरह की गलती न करें। ऑफिशियल वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। लिंक इस वीडियो के नीचे दी जा रही है। बता दें कि फैक्ट चेक में ये वीडियो फर्जी निकला है।

वायरल वीडियो में क्या किया जा रहा दावा?

फेसबुक पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम का प्रचार कर रही हैं, जिसमें वादा किया गया है कि ₹22,000 के निवेश से आप हर महीने ₹10 लाख तक कमाई कर सकते हैं।

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क्या है दावे की हकीकत?

PIB फैक्ट चेक में ये वीडियो पूरी तरह फर्जी निकला है। इस वीडियो में डिजिटली हेरफेर किया गया है। वित्त मंत्री या भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई कार्यक्रम न तो शुरू किया गया है और ना ही उसका समर्थन किया गया है। इसलिए ऐसे किसी भी दावे पर भरोसा न करें और इस तरह के वीडियो में बताए गए संदिग्ध निवेश के दावे का शिकार न बनें। पीआईबी ने अपील की है कि इस तरह के फर्जी वीडियो AI की मदद से बनाए जा रहे हैं। सतर्क रहें और भरोसा करने से पहले वीडियो की पुष्टि जरूर करें।

फेक वीडियो की पहचान कैसे करें?

फेक वीडियो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए जाते हैं। AI एक ऐसी तकनीक है, जो खुद काम कर सकती है। यानी अपनी अक्ल का इस्तेमाल करके। जैसे आप गूगल असिस्टेंट से कहते हैं- फलां गाना बजाओ, तो वो आपके लिए प्ले करता है ना कि आप खुद उसे चलाते हैं। फर्जी वीडियो को आप चाहें तो आसानी से पहचान सकते हैं।

  • फेक वीडियो में चेहरे के एक्सप्रेशन और होंठों की हरकतों में अंतर नजर आएगा।
  • फर्जी वीडियो में बोलते समय लिपसिंक और आवाज में तालमेल नजर नहीं आएगा।
  • डीपफेक वीडियो में अगर आप गौर से देखेंगे तो पता चलेगा कि पलकें कम झपकती हैं, या कई बार बिल्कुल भी नहीं झपकतीं।
  • बैकग्राउंड में दिखने वाली परछाई से भी फर्जी वीडियो को पहचाना जा सकता है। जैसे- वीडियो में बैकग्राउंड और परछाई अजीब तरीके से दिखती है।
  • फर्जी वीडियो में आवाज को AI टूल्स की मदद से बदला जाता है, जिसमें बारीकी से ध्यान देने पर आपको रोबोटिक टोन समझ में आ जाएगी।

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