सार

कोरोना रिश्तों की डोर को भी कमजोर कर दे रहा। जिस मां-बाप ने अपना ‘वर्तमान’ बेटे का ‘भविष्य’ बनाने के लिए न्योछावर कर दिया, उसी कलयुगी बेटे ने पिता को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया। कोरोना संक्रमित बुजुर्ग को सोशल मीडिया की मदद ने अस्पताल पहुंचवाया लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल में बुजुर्ग की हालत बिगड़ती गई और जबतक रेफर किया जाता उन्होंने दम तोड़ दिया।

मुजफ्फरपुर। कोरोना रिश्तों की डोर को भी कमजोर कर दे रहा। जिस मां-बाप ने अपना ‘वर्तमान’ बेटे का ‘भविष्य’ बनाने के लिए न्योछावर कर दिया, उसी कलयुगी बेटे ने पिता को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया। कोरोना संक्रमित बुजुर्ग को सोशल मीडिया की मदद ने अस्पताल पहुंचवाया लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल में बुजुर्ग की हालत बिगड़ती गई और जबतक रेफर किया जाता उन्होंने दम तोड़ दिया।

दो दिन पहले बुजुर्ग हुए थे कोरोना पाॅजिटिव

बिहार के मुजफ्फरपुर के दमचक के रहने वाले अर्जुन ओझा दो दिन पहले कोविड पाॅजिटिव हुए थे। मोहल्ले वालों ने शिक्षक बेटे पर दबाव बनाया तो वह अपने बुजुर्ग पिता के लिए एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल ले जाने को राजी हुआ। एंबुलेंस उनको लेकर सदर अस्पताल गया और शिक्षक बेटा व बहू उनके पीछे निकले। लेकिन रास्ते से ही बेटा-बहू उनको छोड़कर भाग गए। एंबुलेंस वाले ने भी बदमाशी की और बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाने की बजाय रास्ते में भी तड़पता छोड़ दिया। 

सोशल मीडिया ने मदद पहुंचाई

बुजुर्ग को एंबुलेंस ने सड़क पर तड़पता छोड़ दिया। बहू-बेटा पहले से ही फरार हो गए। बुजुर्ग को सड़क पर तड़पता देख किसी ने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर मदद के लिए डाल दी। वीडियो वायरल हुआ तो जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया। आनन फानन में स्वास्थ्यकर्मी बुजुर्ग को सड़क से उठाकर अस्पताल पहुंचाए। लेकिन वहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। वहां डाॅक्टर ने उनको मेडिकल काॅलेज के लिए रेफर कर दिया। रेफर होने के बाद उनको ले जाने में दोपहर से शाम हो गया और इलाज के अभाव में वह दम तोड़ दिए।