सार
गीता को उसका परिवार मिल चुका है। परिवार में मां हैं। पिता की मौत हो चुकी है। यह वही गीता है जो 9 साल की उम्र में गलती से पाकिस्तान चली गई थी। जब साल 2015 में भारत लौंटी, तब से ही उनके परिवार की खोज हो रही थी। आखिरकार महाराष्ट्र के परभणी में खोज खत्म हुई। गीता को उसकी मां मिल गई, लेकिन अभी भी उनकी डीएनए रिपोर्ट आना बाकी है।
मुंबई. गीता को उसका परिवार मिल चुका है। परिवार में मां हैं। पिता की मौत हो चुकी है। यह वही गीता है जो 9 साल की उम्र में गलती से पाकिस्तान चली गई थी। जब साल 2015 में भारत लौंटी, तब से ही उनके परिवार की खोज हो रही थी। आखिरकार महाराष्ट्र के परभणी में खोज खत्म हुई। गीता को उसकी मां मिल गई, लेकिन अभी भी उनकी डीएनए रिपोर्ट आना बाकी है।
गीता का असली नाम राधा वाघमारे है
पाकिस्तान में ईधी वेलफेयर ट्रस्ट चलाने वाली बिलकिस ईधी ने दावा किया कि गीता को उसका परिवार मिल गया है। गीता का असली नाम राधा वाघमारे है। महाराष्ट्र के नाईगांव में उसकी मां रहती है।
पाकिस्तान से भारत कैसे आई थी गीता?
गीता 26 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद भारत लौटी थी। शुरुआत में इंदौर स्थित एक एनजीओ के पास रखा गया फिर 20 जुलाई 2020 को आनंद सर्विसेज सोसाइटी नाम की एक एनजीओ को सौंप दिया गया था।
गीता को उसकी असली मां कैसे मिलीं?
आनंद सर्विसेज सोसाइटी के ट्रस्टी ज्ञानेंद्र पुरोहित अनिकेत शेलगोकर को जानते थे। वे परभनी में पहल फाउंडेशन नाम का एक एनजीओ चलाते है। गीता अनिकेत के साथ बात करने में अधिक सहज थी, उसे पहल फाउंडेशन भेजा गया।
अनिकेत ने कैसे लगाया मां का पता?
जनवरी 2021 से ही अनिकेत, गीता को उसके असली माता-पिता का पता लगाने में मदद कर रहे थे। गीता ने बताया था कि उनका परिवार एक मंदिर के पास रहता था जिसके पास एक नदी बहती थी। उसने यह भी बताया था कि उसके घर के पास कई गन्ने और धान के खेत थे।
गीता की बताई बातों के आधार पर अनिकेत, ज्ञानेंद्र पुरोहित और एक महिला पुलिस कांस्टेबल ने पहले नांदेड़ जिले के धर्मबाद के आस पास यात्रा की। फिर वे नासिक जिले में गए। फिर परभणी जिले के पूर्णा तालुका पहुंचे। फिर गंगाखेड गांव में भी खोज की। अंत में उन्हें गीता की मां और बहन परभणी जिले के जिंतुर में मिलीं।
गीता की मां ने क्या-क्या कहा?
गीता की असली मां होने का दावा करने वाली मीना ने बताया कि उनकी बेटी 1999-2000 में लापता हो गई थी। समाज के डर से बेटी के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।