सार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि सरकार को कृषि से जुड़े बिलों पर पुनर्विचार कर संसद में एक नया बिल लाना चाहिए जिसमें पूंजीपति, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य( MSP)से नीचे फसल नहीं खरीद पाएं और फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI)जैसी सरकारी एजेंसी किसानों से फसल एमएसपी से नीचे ही खरीदने को बाध्य हों।
 

नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो वे संसद सत्र का बहिष्कार करेंगे। आजाद ने कहा कि सरकार को कृषि से जुड़े बिलों पर पुनर्विचार कर संसद में एक नया बिल लाना चाहिए जिसमें पूंजीपति, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य( MSP)से नीचे फसल नहीं खरीद पाएं और फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI)जैसी सरकारी एजेंसी किसानों से फसल एमएसपी से नीचे ही खरीदने को बाध्य हों। इसपर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं से कहा कि वे सत्र को बहिष्कार करने के विषय पर एक बार फिर विचार करलें।

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा संसद से पारित किए गए कृषि से जुड़े दो बिलों पर विपक्षी दलों के साथ पंजाब, हरियाणा समेत देशभर के कई किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि इन बिलों से देश की मंडियां खत्म हो जाएंगी और इससे सिर्फ प्राइवेट पूंजीपतियों को ही फायदा होगा। वहीं इसपर विपक्ष की मांग है कि सरकार इन बिलों पर पुनर्विचार कर संसद में एक नया बिल लाए जिसमें  स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित फार्मूला के तहत किसानों को एमएसपी की गारंटी दी जाए और एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियों को एमएसपी से नीचे फसल खरीदने पर बाध्य किया जाए। हालांकि सरकार इन बिलों के संबंध में यह कह चुकी है कि इनमें एमएसपी पहले की तरह बरकरार रहेगी।