सार
गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर रविवार(30 अक्टूबर) शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने(Gujarat Bridge collapse) की घटना के लिए कुछ शरारती युवकों का हाथ सामने आ रहा है। इस हादसे में करीब 140 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। इसमें से कई महिलाएं और बच्चे हैं।
मोरबी. गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर रविवार(30 अक्टूबर) शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने(Gujarat Bridge collapse) की घटना के लिए कुछ शरारती युवकों का हाथ सामने आ रहा है। इस हादसे में करीब 140 लोगों की मौत की खबर है, जिनमें से कई महिलाएं और बच्चे हैं। पहले यह आंकड़ा 90 के करीब बताया गया था। शाम करीब 6.30 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए थे। इस हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की जान चली गई। हादसे के कुछ वीडियोज भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिसमें लोग टूटे पुल से ऊपर चढ़ते दिख रहे हैं। हादसे के पीछे पुल पर भारी भीड़ के अलावा कुछ शरारती युवकों द्वारा जानबूझकर उसे हिलाना माना जा रहा है। पढ़िए कुछ खास बातें...
पढ़िए 12 और महत्वपूर्ण बातें
1.अधिकारियों ने बताया कि व्यापक मरम्मत और रिनोवेशन के बाद 4 दिन पहले ही पुल फिर से खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे ढह जाने के समय लोगों से खचाखच भरा था।
2. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने राज्य की राजधानी से करीब 300 किलोमीटर दूर मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि इस त्रासदी में कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई है। अपुष्ट रिपोर्टों ने मरने वालों की संख्या 80 से अधिक बताई थी। हालांकि सोमवार(31अक्टूबर) को यह आंकड़ा 140 के करीब बताया गया।
3. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ब्रिटिश काल के हैंगिंग ब्रिज पर कई महिलाएं और बच्चे थे, जब वह नीचे पानी में गिर गया।
4. एक चश्मदीद ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि भारी भीड़ के कारण पुल गिर गया हो। उन्होंने बताया कि पुल गिरने पर लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े।
5. एक चश्मदीद ने कहा-मैं अपने कार्यालय समय के बाद दोस्तों के साथ नदी के किनारे आया था, जब हमने पुल के टूटने की आवाज सुनी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम वहां पहुंचे और लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए। हमने कुछ बच्चों और महिलाओं को बचाया। हादसे में घायल हुए एक व्यक्ति ने कहा कि दुर्घटना अचानक हुई और पुल पर बहुत अधिक लोगों के कारण हो सकती है।
6. ढहने के बाद पुल का जो कुछ बचा था, वह मेटल के कैरिजवे(metal carriageway) यानी पुल पर चलने वाली जगह का हिस्सा था, जो एक छोर से नीचे गहरे पानी में लटक गया था, इसकी मोटी केबल जगह-जगह टूट गई थी।
7. स्थानीय अस्पताल में लोगों ने भीड़ को रोकने के लिए एक ह्यूमन चेन बनाई और एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ रखा, जिससे बचाए गए लोगों को लाया गया। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि पुल ढहने के मामले में धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (जानबूझकर मौत का कारण बनना) और 114 (अपराध होने पर उपस्थित होना) के तहत FIR दर्ज की गई है, जो भी जिम्मेदार पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। संघवी ने कहा कि पुल ढहने की जांच के लिए पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य सीनियर आफिसर शामिल हैं।
8. अहमदाबाद निवासी विजय गोस्वामी और उनके परिवार के सदस्य संयोगवश हादसे का शिकार होने से बच गए। रविवार दोपहर को वे पुल पर गए थे, लेकिन डर के मारे आधे रास्ते से लौट आए, जब भीड़ में से कुछ युवाओं ने पुल को हिलाना शुरू कर दिया। गोस्वामी ने कहा कि जब वह और उनका परिवार पुल पर थे, तो कुछ युवकों ने जानबूझकर पुल को हिलाना शुरू कर दिया, जिससे लोगों का चलना मुश्किल हो गया। उन्होंने कहा कि चूंकि उन्हें लगा कि यह हरकत खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए वह और परिवार पुल पर आगे बढ़े बिना लौट आए। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके बारे में पुल कर्मचारियों को भी सचेत किया था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
9. दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोले जाने से पहले एक निजी संचालक ने लगभग 6 महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था।
10. एक अधिकारी के अनुसार, मेंटेनेंस का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया। लेकिन स्थानीय नगरपालिका ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र (रिनोवेशन कार्य के बाद) जारी नहीं किया था। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को नदी से निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल देर रात दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और सिविल अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पुल गिरने से घायल हुए लोगों के इलाज के लिए सिविल अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है।
11. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स(NDRF) ने तीन टीमों को मोरबी जिले में तैना किया है। एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सेना का एक दल दुर्घटनास्थल पर पहुंच गया था, जबकि नौसेना ने बचाव अभियान के लिए 40 से अधिक कर्मियों की एक टीम भेजी गई।
12. प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अधिकारियों से बात की। मोदी इस समय गुजरात में हैं। मोदी ने बचाव दलों को तत्काल जुटाने की मांग की और कहा कि स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी की जाए और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुल ढहने पर दुख व्यक्त किया और दूसरों के सुरक्षित बचाव की प्रार्थना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह पुल गिरने से बहुत दु:खी हैं और उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हर संभव सहायता देने की अपील की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा कि पुल गिरने की खबर बेहद दु:खद है।
यह भी पढ़ें
मौत का पुल : कहानी सैकड़ों जान लेने वाले मोरबी पुल की, जानें सबसे पहले कब और किसने बनवाया था ये झूलता पुल
7 सबसे बड़े पुल हादसे: कहीं ढह गया बनता हुआ ब्रिज तो कहीं पुल टूटने से नदी में समा गई पूरी ट्रेन