सार
हाईकोर्ट ने दिल्ली के स्पा सेंटरों में क्रॉस जेंडर मसाज को बैन करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिका को पहले से विचाराधीन होने की बात कहते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया।
नई दिल्ली। दिल्ली में चल रहे स्पा सेंटरों में क्रॉस जेंडर मसाज का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं स्पा सेंटरों की आड़ में कई गलत काम भी किए जा रहे हैं। कई इलाकों में स्पा सेंटर के नाम पर वैश्यावृत्ति के कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली के स्पा सेंटरों में क्रॉस जेंडर मसाज बंद किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि स्पा सेंटर में क्रॉस जेंडर मसाज को लेकर पहले से एक याचिका पर सुनवाई सिंगल जज की बेंच कर रही है, इसलिए अलग से फिर इस पर सुनवाई नहीं होगी।
पूर्व में दी गई याचिका में स्पा सेंटर की वैधता सूची को चुनौती
दिल्ली हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने साफ कहा है कि वर्ष 2021 में भी कोर्ट में दिल्ली में चल रहे स्पा सेंटर को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में स्पा सेंटरों की वैधता सूची को चुनौती दी गई है। इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में मामला पेंडिंग है। मामले की सुनवाई एक जज की पीठ कर भी रही है। फिर दोबार इस याचिका पर विचार करने को कोई मतलब नहीं है।
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केस में ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की थी
केस की सुनवाई के दौरान कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोरा ने साफ शब्दों में कहा कि जब सिंगल जज इस विवाद को पहले से देख रहे हैं तो इस याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इस याचिका में स्पा सेंटरों की ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग भी पेश कराने की अपील की थी।