सार

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है। मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच द्वारा की जाएगी। यह बेंच तय करेगी कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन सही है या गलत।

 

नई दिल्ली। कर्नाटक में पिछले साल शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन लगाए जाने को लेकर काफी बवाल मचा था। इस मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने मामले को तत्काल सुनवाई के लिए लिस्टेड किया है। सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच बनाई जाएगी। यह बेंच तय करेगी कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन सही है या गलत।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाईं गईं थी। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने सुनवाई कर खंडित आदेश दिया था। अब तीन जजों की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी।

क्लास नहीं करने वाली छात्राओं को मिले परीक्षा देने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने अंतरिम आवेदन का उल्लेख किया, जिसमें उन लड़कियों को परीक्षा में बैठने देने की अनुमति मांगी गई थी जो कक्षाओं में शामिल नहीं हो पाई हैं। दरअसल, हिजाब बैन के विरोध में कई लड़कियों ने कक्षाओं में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

प्रतिबंध के कारण लड़कियों को हुआ नुकसान
मीनाक्षी ने कहा कि सिर पर स्कार्फ पहनने पर प्रतिबंध के कारण लड़कियों को एक साल की पढ़ाई का नुकसान हुआ था। प्रायोगिक परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू हो रही हैं। मीनाक्षी ने कोर्ट में कहा, “कई लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ा। प्रैक्टिकल की परीक्षा 16 फरवरी से शुरू होगी। अदालत तत्काल निर्देश जारी करे ताकि लड़कियों का एक और साल बर्बाद नहीं हो।” इसपर सीजेआई ने कहा, "अदालत इसकी जांच करेगी और इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी। मैं मामले के लिए तीन जजों की बेंच का गठन करूंगा।"

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सुप्रीम कोर्ट ने पहले किया था हिजाब बैन हटाने से इनकार
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की पीठ ने अक्टूबर 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए खंडित निर्णय दिया था। इसमें कोर्ट ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को पलटने से इनकार कर दिया था।

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