सार
कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं की NO ENTRY को लेकर कांग्रेस लीडर राहुल गांधी के बयान पर कर्नाटक बीजेपी ने tweet करके तीखा प्रहार किया है। इसमें लिखा गया कि अगर शिक्षा हासिल करने के लिए हिजाब बहुत जरूरी है, तो राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्यों में इसे अनिवार्य क्यों नहीं करते?
बेंगलुरु(Bengaluru). कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं की NO ENTRY को लेकर कांग्रेस लीडर राहुल गांधी के बयान पर कर्नाटक बीजेपी ने tweet करके तीखा प्रहार किया है। इसमें लिखा गया कि अगर शिक्षा हासिल करने के लिए हिजाब बहुत जरूरी है, तो राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्यों में इसे अनिवार्य क्यों नहीं करते?
By letting students’ hijab come in the way of their education, we are robbing the future of the daughters of India.
Ma Saraswati gives knowledge to all. She doesn’t differentiate. #SaraswatiPuja
भाजपा कर्नाटक ने किया tweet
भाजपा कर्नाटक ने किया tweet में यह भी लिखा-शिक्षा का साम्प्रदायिकरण, कांग्रेस को-ओनर(CONgress co-owner) एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह भारत के भविष्य के लिए खतरनाक हैं। बता दें कि राहुल गांधी ने बयान दिया है कि हिजाब को शिक्षा के रास्ते में लाकर भारत की बेटियों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। राहुल गांधी ने भाजपा पर तंज कंसते हुए कहा था कि, 'मां शारदा सभी को बुद्धि दें।' राहुल गांधी ने एक tweeet किया है।
सरकार एक यूनिफॉर्म कोड के पक्ष में
इस मामले में कर्नाटक सरकार में मंत्री सुनील कुमार करकाला ने शनिवार को कहा कि सरकारी परिसर में सभी को समान नियमों को पालन करना चाहिए। बेशक यह ड्रेस का मामला ही क्यों न हो। उन्होंने तीन तलाक का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने साबित किया है कि वो मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़ी है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
.कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वालीं लड़कियों को कॉलेज में एंट्री नहीं दी जा रही है। वहीं, हिजाब के जवाब में हिंदू लड़कियां केसरिया दुपट्टा पहनकर आने लगी हैं। विवाद की शुरुआत उडुपी के एक कॉलेज से हुई थी, जहां जनवरी में हिजाब पर बैन लगा दिया था। इस मामले के बाद उडुपी के ही भंडारकर कॉलेज में भी ऐसा ही किया गया। अब यह बैन शिवमोगा जिले के भद्रवती कॉलेज से लेकर तमाम कॉलेज तक फैल गया है। इस मामले को लेकर रेशम फारूक नाम की एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट याचिका दायर की है। इसमें कहा गया कि हिजाब पहनने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन है। गुरुवार को भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं को कॉलेज के प्रिंसिपल ने अंदर नहीं आने दिया था। उनका तर्क था कि शासन के आदेश व कालेज के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें कक्षाओं में यूनिफॉर्म में आना होगा। जबकि छात्राओं का तर्क था कि वे लंबे समय से हिजाब पहनकर ही कॉलेज आती रही हैं।
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