सार

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह दिल्ली प्रवास पर हैं। वह हरियाणा में अयोग्य विधायकों से मुलाकात करने के बाद दिल्ली में हैं और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं।

Himachal Pradesh crisis: राज्यसभा चुनाव के बाद से हिमाचल प्रदेश में आया राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की न मुश्किलें कम होती दिख रही हैं न ही कांग्रेस विधायकों की नाराजगी दूर होती दिख रही। इस्तीफा का ऐलान करने के कुछ ही घंटों बाद उसे वापस लेने वाले राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया हैंडल पर अपना बॉयो बदलकर यह संकेत दे दिया है कि राज्य का राजनीतिक तूफान थमने की बजाय अब नजारा बदलने वाला है।

दरअसल, हिमाचल के दिग्गज कांग्रेस पूर्व सीएम राजा वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक बॉयो बदल कर राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। उन्होंने अपने बॉयो में अपना आधिकारिक पदनाम हटा दिया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री और कांग्रेस सदस्य लिखने की बजाय उन्होंने अब केवल हिमाचल का सेवक लिख दिया है। उनके बॉयो बदलने से उनके पाला बदलने की आशंका भी तेज हो चुकी है।

दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिलने का शेड्यूल

हिमाचल प्रदेश की राजनीति को ठीक से समझने वाले बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह दिल्ली प्रवास पर हैं। वह हरियाणा में अयोग्य विधायकों से मुलाकात करने के बाद दिल्ली में हैं और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं। शनिवार को देर रात तक वह बीजेपी के लोगों से मुलाकात कर अपनी अगली रणनीति तय कर सकते हैं।

राज्यसभा चुनाव के बाद से मचा है बवाल

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने बगावत करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी के बजाय बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट कर दिया था। हालांकि, 34-34 वोट से बराबरी होने के बाद पर्ची निकालकर हार-जीत का फैसला हुआ। पर्ची से परिणाम में हर्ष महाजन जीत गए। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास तेज कर दिया। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया। हालांकि, व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से सभी छह विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के लिए आवेदन किया। स्पीकर ने कार्रवाई करते हुए सभी छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। हालांकि, कांग्रेस के अंदर मचे घमासान को शांत करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को भेजा। डीके शिवकुमार ने सभी पक्षों से बातचीत कर डैमेज कंट्रोल करने का दावा किया।

सुक्खू ने वित्त आयोग का अध्यक्ष बदला

उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विक्रमादित्य सिंह को हिमाचल प्रदेश राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष पद से हटाते हुए उनकी जगह पर रामपुर से विधायक नंदलाल को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है।

पिता की प्रतिमा नहीं लगाए जाने से नाराज

विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि वह अपने पिता के अपमान के कारण विरोध कर रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव मेरे पिता वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा गया था और उनकी प्रतिमा सरकार अभी तक नहीं लगवा सकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपने विधायकों के प्रति लापरवाही का आरोप लगाया और पार्टी पर उनके पिता की मूर्ति के लिए जमीन आवंटित नहीं करने का आरोप लगाते हुए रो पड़े।

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