सार
श्रद्धा वालकर(जिसे वॉकर कहा जा रहा है) हत्याकांड में मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने श्रद्धा द्वारा नवंबर 2020 में पुलिस में की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई करने में महाराष्ट्र पुलिस की कथित विफलता पर सवाल उठाया है। इस बीच आरोपी आफताब का आज पॉलीग्राफिक टेस्ट हो सकता है।
नई दिल्ली. श्रद्धा वालकर(जिसे वॉकर कहा जा रहा है) हत्याकांड(horrific Shraddha Walker murder case) में अब मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार(Mumbai BJP chief Ashish Shelar) ने कॉल सेंटर की दिवंगत कर्मचारी श्रद्धा वाकर द्वारा नवंबर 2020 में पुलिस में की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई करने में महाराष्ट्र पुलिस की कथित विफलता पर सवाल उठाया है।
इस बीच आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का आज(24 नवंबर) भी पॉलीग्राफ टेस्ट(polygraph test) संभव नहीं हुआ। आफताब को सर्दी-बुखार है। इस वजह से बुधवार को उसका पॉलीग्राफी टेस्ट पूरा नहीं हो पाया था। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के अफसर के अनुसार, पॉलीग्राफी टेस्ट तभी जारी रह सकता है, जब तबीयत सही रहे। फिर भी आफताब को महरौली पुलिस स्टेशन से संभवत: उसे रोहिणी की FSL ले जाया गया है। वहीं, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में प्रक्रिया पूरी हो गई है। आफताब चार दिन की पुलिस हिरासत में है। पॉलीग्राफ यह एक ऐसी मशीन है, जिसका प्रयोग झूठ पकड़ने के लिए होता है। खासकर तब; जब किसी अपराध का पता लगाना हो। इसे लाई डिटेक्टर भी कहते हैं। इसकी खोज जॉन अगस्तस लार्सन(John Augustus Larson) ने 1921 में की थी। जानिए पूरी डिटेल्स...
क्या पुलिस को किसी ने कार्रवाई करने से रोका था?
बुधवार यानी 23 नवंबर को शेलार ने मीडिया के सामने मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने श्रद्धा द्वारा पुलिस को लिखे गए लेटर मामले की जांच कराने की मांग उठाते हुए सवाल किया कि 'क्या वाकर के पत्र को जानबूझकर दबाया गया था और क्या पुलिस पर उनकी शिकायत की जांच नहीं करने का दबाव था?'
बता दें कि आफताब अमीन पूनावाला (28) ने कथित तौर पर अपनी लिव-इन पार्टनर वाकर को गला घोंट कर मार डाला था। इसके बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे। लाश के टुकड़ोंको उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में अपने घर पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा था। फिर फिर पिछले कई दिनों तक उन्हें ठिकाने लगाने के मकसद से जंगल में फेंकता रहा।
लेटर सामने आने के बाद मामला और संदिग्ध हुआ
इस मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने 23 नवंबर की सुबह कहा था कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई के रहने वाली वाकर ने दो साल पहले पुलिस में शिकायत की थी कि आफताब ने उसे मारने की कोशिश की थी। श्रद्धा ने आशंका व्यक्त की थी कि वह उसके टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देगा।
इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए शेलार ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि महाराष्ट्र पुलिस ने उसके (वाकर के) पत्र पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या इसलिए कि श्रद्धा का सरनेम वाकर था या इसलिए कि वह (आरोपी का नाम) आफताब है? या यह इसलिए, क्योंकि मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को राकांपा और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था? शेलार ने कहा कि अगर समय पर हस्तक्षेप होता, तो वाकर बच जाती। उन्होंने कहा, "मैं पुलिस से विशेष रूप से भाजपा के सीनियर लीडर और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से; जिनके पास राज्य का गृह विभाग है, इस बात की जांच करने का आग्रह करता हूं कि कहीं इस पत्र या जांच को जानबूझकर दबाया तो नहीं गया?" शेलार ने कहा कि पुलिस को यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या आफताब के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए किसी ने दबाव डाला था?
पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा था कि वाकर की 23 नवंबर, 2020 की लिखित शिकायत के आधार पर पालघर जिले के तुलिंज पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने दो बार उस जगह का दौरा किया था, जहां वाकर और आफताब रहते थे और उसका बयान दर्ज किया था। हालांकि यह भी जोड़ा गया कि तब वाल्कर ने पुलिस को बताया कि उसने गुस्से में शिकायत दर्ज कराई थी। उसके और आफताब के बीच के मुद्दों को सुलझा लिया गया था। उसने पुलिस को बताया कि वह अपनी शिकायत वापस ले रही है। इसके बाद मामला बंद कर दिया गया था।
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