सार
वाहन चलाते समय थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। हाल ही में कार में फंसने से बच्चों की जान जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं। 2 दिन पहले यूपी में एक 3 साल का बच्चे की कार में दम घुटने से मौत हो गई। इससे पहले गुजरात में दर्दनाक हादसा हुआ था। क्या आपने कभी सोचा है कि कार में बंद होने से जान कैसे जा सकती है? जब घंटों कार में बंद रहते हैं, तो कार में जहरीली गैस बनने लगती है। इस गैस से दम घुटने लगता है और जान चली जाती है। ऐसे में इससे कैसे बचा जा सकता है, आइए जानते हैं।
अगर आप अपने बच्चे को कार में बिठाते हैं, तो कुछ ज़रूरी बातें ध्यान रखें। कार की खिड़की थोड़ी खुली रखें, ताकि बाहर से ताज़ी हवा अंदर आती रहे। इससे बच्चे का दम नहीं घुटेगा। इसके अलावा, अगर किसी कारण से बच्चे को कार में बिठाना ही पड़े, तो बच्चे का दम न घुटे, इसके लिए एसी चालू रखें। ध्यान रहे कि ऐसा कम समय के लिए ही करें।
बच्चों को ये ज़रूरी बातें सिखाएं
हथौड़े का इस्तेमाल
अगर आपका बच्चा नई चीज़ें सीखने लायक है, तो उसे कार लॉक होने और अकेले होने पर क्या करना है, ये सिखाएं। कार में हमेशा एक हथौड़ा रखें और बच्चे को बताएं कि अगर वो कभी कार में फंस जाए, तो हथौड़े से शीशा तोड़कर बाहर निकल आए।
मोबाइल फ़ोन
बच्चे को मोबाइल से कॉल करना सिखाएं, ताकि अगर बच्चा कभी कार में लॉक हो जाए और फ़ोन कार में हो, तो कॉल कैसे करना है, ये जानने से बच्चे को आसानी होगी। बच्चे को माता-पिता का नंबर याद कराएं और कार में एक कागज़ पर लिखकर भी रखें। कार में एक कलम और कागज़ रखें। बच्चे को सिखाएं कि अगर वो कभी कार में फंस जाए, तो कागज़ पर मदद लिखकर शीशे पर लगा दे। इससे वहां से गुज़रने वाले किसी को भी पता चल जाएगा कि बच्चा अंदर है।
बच्चों को कार में अकेला न छोड़ें
इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि बच्चों को कार में अकेला न छोड़ें। गाड़ी के अंदर ऑक्सीजन की कमी और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) जैसी खतरनाक गैसों के बढ़ने से मौत भी हो सकती है। गाड़ी के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद होने पर गाड़ी में हवा का आना-जाना बंद हो जाता है। इससे कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाती है। ऑक्सीजन भी कम हो जाती है। यह बहुत खतरनाक है। इसलिए अपने बच्चे को कार में अकेला छोड़ने से पूरी तरह बचें।