सार

भारतीय वायुसेना द्वारा छह और नेत्रा-I विमान खरीदे जाएंगे। यह विमान 450-500 km तक निगरानी कर सकता है। यह एम्ब्रेयर एयरक्राफ्ट पर आधारित है।

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर हवाई निगरानी के लिए भारतीय वायु सेना छह नए नेत्रा-1 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट खरीदने की योजना बना रही है। नेत्रा-1 ब्राजील से लिए गए एम्ब्रेयर एयरक्राफ्ट पर आधारित है।

नेत्रा-1 को आसमान में आंख भी कहा जाता है। इसका काम हवा में मौजूद विमानों और अन्य उड़ने वाली वस्तुओं का पता लगाना है। नेत्रा यह जानकारी अपने साथ उड़ रहे लड़ाकू विमानों को देता है, जिससे वे संभावित खतरे से निपट सकें। नेत्रा-1 हवा में उड़ते कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करता है।

स्वदेशी AEW&C विमान है नेत्रा

नेत्रा स्वदेशी AEW&C विमान है। इसे DRDO ने विकसित किया है। वायु सेना द्वारा दो नेत्रा विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब योजना छह और नेत्रा विमान खरीदने की है। इसके लिए काम शुरू हो गया है। इसके लिए DRDO एम्ब्रेयर ERJ-145 विमान खरीदने जा रही है। विमान खरीदने के बाद DRDO द्वारा इसे मॉडिफाई किया जाएगा। इसमें रडार और अन्य उपकरण लगाए जाएंगे।

भारतीय वायु सेना नेत्रा विमानों का इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान की सीमा पर निगरानी के लिए बहुत प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर रही है। इसकी मदद से वायु सेना चीन और पाकिस्तान की हरकतों पर नजर रख रही है। यह प्लेटफॉर्म वायु सेना के लिए बहुत प्रभावी साबित हुआ है।

वायु सेना को है और अधिक AWACS विमानों की जरूरत

भारतीय वायु सेना वर्तमान में सिर्फ पांच AWACS विमानों का इस्तेमाल कर रही है। इनमें से तीन इजरायल से खरीदे गए थे और दो नेत्रा विमान हैं। वायु सेना को छह और नेत्रा विमान मिलते हैं तो इससे उसकी क्षमता बढ़ेगी। वायु सेना को और अधिक AWACS विमानों की जरूरत है।

450-500 km तक नजर रखता है नेत्रा

नेत्रा टारगेट को 450-500 km दूर से ही ट्रैक कर लेता है। यह दुश्मन देश के विमान को सीमा के करीब आने से काफी पहले ही देख लेता है। इसके लिए इसे खुद सीमा पार करने की जरूरत नहीं होती। नेत्रा रडार सिग्नलों का पता लगा सकता है। इससे दुश्मन की सेना द्वारा किए जाने वाले कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट किया जा सकता है। नेत्रा में कोई सक्रिय कैमरा नहीं है। यह जो भी इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है उसे जमीन पर मौजूद कमांडरों तक लाइव प्रसारित किया जा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान नेत्रा से भेजे गए डेटा का उपयोग करके नई दिल्ली में लाइव ऑपरेशन की निगरानी भी कर सकता है।