सार
कोरोना से जूझ रहे देश के लोगों के लिए राहत की खबर है। दरअसल, Roche एंटीबॉडी कॉकटेल को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। सेन्ट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने Roche एंटीबॉडी कॉकटेल यानी दो दवाओं के मिश्रण को इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
नई दिल्ली. कोरोना से जूझ रहे देश के लोगों के लिए राहत की खबर है। दरअसल, Roche एंटीबॉडी कॉकटेल को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। सेन्ट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने Roche एंटीबॉडी कॉकटेल यानी दो दवाओं के मिश्रण को इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
क्या है एंटीबॉडी कॉकटेल : एंटीबॉडी-ड्रग कॉकटेल को कोरोना के खिलाफ बड़ा हथियार माना जा रहा है। एंटीबॉडी-ड्रग कॉकटेल Casirivimab और Imdevimab का मिश्रण है। इसमें दोनों एंटीबॉडी दवाएं हैं, जो किसी वायरस पर एक जैसा असर करती हो। इस दवा को स्विस कंपनी Roche ने Regeneron के साथ मिलकर बनाया है।
कितनी कारगार है ये कॉकटेल
अमेरिका और यूरोप में इस दवा को पहले ही अनुमति मिल चुकी है। यह दवा हल्के वा मध्यम संक्रमण पर काफी अच्छे से असर करती है। इस दवा के परिणाम भी अच्छे मिले हैं। यहां तक की बताया जा रहा है कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प संक्रमित हुए थे, उन्होंने भी इसी दवा का इस्तेमाल किया था। वे 4 दिन में ठीक हो गए थे।
मरीजों पर किस तरह काम करती है ये दवा
एंटीबॉडी कॉकटेल मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आधारित है। यह लैब में बनाए गए प्रोटीन होते हैं, जो वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम की क्षमता की कॉपी करते हैं। यह दवा 12 साल से अधिक उम्र के लोगों पर इस्तेमाल की जा सकती है। जिनमें हल्के या मध्यम लक्षण हों और कोरोना की पुष्टि हुई हो।
भारत में कैसे मिलेगी दवा
भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल के मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का अधिकार सिप्ला के पास है। भारत में मंजूरी मिलने के बाद इसका आयाता आसानी से हो सकेगा।