सार
S-400 से विमान, क्रूज, बैलेस्टिक मिसाइल के साथ जमीनी टारगेट को भी रौंदा जा सकता है। यह मिसाइल एक बार में 400 किलोमीटर की रेंज में एक साथ 36 टारगेट को निशाना बना सकता है।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) दुश्मन के खिलाफ लगातार मजबूत स्थिति में पहुंच रही है। इसी साल S-400 एयर डिफेंस मिसाइल हमारी ताकत में और इजाफा कर लेगा। एयर चीफ मार्शल (Air Chief Marshal) विवेक राम चौधरी (Vivek Ram Chaudhari) ने S-400 एयर डिफेंस मिसाइल (Air Defence Missile) को वायुसेना में शामिल करने की घोषणा की है।
दुनिया के देशों ने इस मिसाइल को किया है तैनात
दुनिया के तमाम बड़े देश अपने संवेदनशील क्षेत्रों में पावरफुल मिसाइल सिस्टम S-400 को तैनात कर रखा है। स्वयं रूस ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों में इन मिसाइल्स को तैनात किया है। चीन ने भी रूस से इस मिसाइल को खरीदा है।
क्या है इस मिसाइल की खूबियां?
S-400 दुनिया के सबसे विकसित एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह डिफेंस सिस्टम 1000 किलोमीटर तक की दूरी से एयरक्राफ्ट, बॉम्बर्स और मिसाइल्स को ट्रैक कर सकता है। ट्रैकिंग के साथ ही यह डिफेंस सिस्टम टारगेट पर 400 किलोमीटर की रेंज में मिसाइल भी लॉन्च कर सकता है। यह एक बार में 100 टारगेट पहचान सकता है। इसके सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों से 30 किलोमीटर की उंचाई और 400 किलोमीटर तक को टारगेट किया जा सकता है।
S-400 से विमान, क्रूज, बैलेस्टिक मिसाइल के साथ जमीनी टारगेट को भी रौंदा जा सकता है। यह मिसाइल एक बार में 400 किलोमीटर की रेंज में एक साथ 36 टारगेट को निशाना बना सकता है। S-400 मिसाइल सिस्टम में करीब 12 लॉन्चर होते हैं जो अलग-अलग क्षमताओं से लैस होते हैं। इससे तीन तरह की मिसाइल को एक साथ निशाना बनाया जा सकता है।
क्या है इस मिसाइल का इतिहास?
तत्कालीन यूएसएसआर, का जब रूस हिस्सा था तब, 1967 में एयर डिफेंस सिस्टम S-200 अंगारा को विकसित किया गया था। यह इस सीरीज की पहली मिसाइल थी। आज कई दशक बाद भी यह सिस्टम कारगर है। रूस ने इस सीरीज में अबतक का सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम S-400 विकसित कर रखा है। हालांकि, रशिया अब S-500 के विकास में लगा हुआ है।
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