सार
शर्मा की ओर से अधिवक्ता अमित साहनी ने अपने मुवक्किल की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि समय पूर्व रिहाई की उसकी याचिका अधिकारियों ने अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमाने ढंग से अस्वीकार की है। इसमें कहा गया कि शासन शर्मा के साथ अनुचित व्यवहार कर रहा है। वह जेल में 23 वर्ष (छूट सहित) बिता चुका है उसके बावजूद उसका मामला चार बार खारिज कर दिया गया।
नई दिल्ली. जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी मनु शर्मा की समयपूर्व रिहाई की याचिका पर बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से जवाब मांगा।
कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 मार्च की तारीख तय की है
न्यायमूर्ति ब्रिजेश सेठी ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह सजा समीक्षा बोर्ड के सबंद्ध रिकॉर्ड समेत मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश करे। अदालत ने मामले पर सुनवाई के लिए 30 मार्च की तारीख तय की है। याचिका में मनु शर्मा ने आग्रह किया है कि 19 सितंबर 2019 के सक्षम प्राधिकार के आदेश को दरकिनार किया जाए। याचिका में उस आदेश को खारिज करने का आग्रह किया गया है जिसमें उसकी समयपूर्व रिहाई की याचिका अस्वीकार करने की एसआरबी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया था।
कोर्ट ने मनु को 2006 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी
शर्मा की ओर से अधिवक्ता अमित साहनी ने अपने मुवक्किल की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि समय पूर्व रिहाई की उसकी याचिका अधिकारियों ने अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमाने ढंग से अस्वीकार की है। इसमें कहा गया कि शासन शर्मा के साथ अनुचित व्यवहार कर रहा है। वह जेल में 23 वर्ष (छूट सहित) बिता चुका है उसके बावजूद उसका मामला चार बार खारिज कर दिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को उच्च न्यायालय ने जेसिका लाल की 1999 में हुई हत्या के मामले में दिसंबर 2006 में दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल 2010 में उसकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)