सार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Election 2023) में वोट पाने के लिए नेता मतदाताओं को मीट-चावल का भोज दे रहे हैं। इसके चलते भेड़ों की मांग बढ़ गई है।
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Election 2023) में नेताओं के बीच चुनावी जंग चल रही है। इस लड़ाई में भेड़ों की जान जा रही है। दरअसल, वोट पाने के लिए नेता मतदाताओं को मीट-चावल का भोज दे रहे हैं। इसके चलते मांस की मांग बढ़ गई है।
कर्नाटक के यादगिरी में भेड़ों की बढ़ी हुई मांग का साफ असर दिख रहा है। यहां बड़ी संख्या में कारोबारी भेड़ों को लाकर बेच रहे हैं। भेड़ों को तीन फ्लोर वाले ट्रकों में लादकर लाया जा रहा है। यादगिरी जिले के शाहापुरा में एक सप्ताह में करीब 4-5 करोड़ भेड़ों और बकरियों की बिक्री हुई।
15-20 हजार तक पहुंच गई है बकरे की कीमत
शाहपुरा हैदराबाद कर्नाटक में मटन का सबसे बड़ा बाजार है। बैंगलोर, तुमकुर, चित्रदुर्ग और बेल्लारी के लोग यहां से भेड़ लाते हैं। मांग बढ़ने के चलते भेड़ों और बकरों की कीमत बढ़ गई है। भेड़ की कीमत 10 हजार और बकरे की कीमत 15-20 हजार तक पहुंच गई है।
10 मई को होगा मतदान
गौरतलब है कि कर्नाटक में 224 सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए 10 मई को मतदान होगा। 13 अप्रैल को वोटों की गिनती होगी और रिजल्ट आएंगे। चुनाव के लिए 3632 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कराया है। भाजपा के 224, कांग्रेस के 223 और JDS के 211 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
भाजपा के सामने है सत्ता बचाने की चुनौती
कर्नाटक में भाजपा के सामने अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है। गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राज्य में कैंप कर रहे हैं। वे चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आने वाले दिनों में कई चुनावी रैलियां करने वाले हैं। दूसरी ओर कांग्रेस फिर से सत्ता पाने के लिए पूरा दम लगा रही है। वहीं, JDS की कोशिश चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की है। भाजपा और कांग्रेस चुनाव में एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।