कर्नाटक विधानसभा का चुनाव होने में अब केवल एक वर्ष का समय शेष है। उधर, राज्य की बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के रोज नए नए आरोपों में घिरती जा रही है। पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा का कांस्ट्रेक्टर सुसाइड केस में नाम आने के बाद हुए इस्तीफा से मामला शांत ही हुआ था कि अब सरकार पर मठों से तीस प्रतिशत कमीशन का आरोप संत समाज ने लगाया है।
बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka Mutts) के मठों में अनुदान देने के लिए पूरी रकम का 30 प्रतिशत बतौर कमीशन (30% cut money) लिया जाता है। लिंगायत समाज (Lingayat Community) के एक अग्रणी व्यक्ति ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है। कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार (CM Basavraj Bommai) पर लगे इस आरोप से सरकार एक बार फिर बैकफुट पर है। राज्य सरकार के एक मंत्री ईश्वरप्पा (Ishwarappa) को एक सुसाइड केस (Contractor suicide case) में नाम आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। ईश्वरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ लगे आरोपों के बाद सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जांच की बात कही है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा-संतों की बात को लेते हैं गंभीरता से
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि वह संत के आरोपों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और मामले की तह तक जाएंगे। बोम्मई ने कहा कि आरोप लगाने वाले स्वीमीजी महान व्यक्ति हैं। वह राज्य को अच्छी तरह से जानते हैं। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वह इस बाबत कोई प्रमाण दें ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि स्वामीजी ने किसको कमीशन दिया, किस उद्देश्य से इसका भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की वह निश्चित रूप से पूछताछ करेंगे और इसकी तह तक जाएंगे।
एक संत ने लगाया है आरोप
लिंगायत संत डिंगलेश्वर स्वामी (Dingaleshwar Swami) ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि यदि मठों को कल्याण और उनके विकास के लिए कोई अनुदान जारी होता है तो सरकार राशि जारी करने से पहले कमीशन के रूप में 30 प्रतिशत की कटौती करती है। नहीं देने पर कमीशन जारी नहीं होता है। अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि यदि आप अनुदान में कटौती के लिए सहमत नहीं हैं, तो अनुदान जारी नहीं किया जाएगा।
डिंगलेश्वर स्वामी, लिंगायत समाज के संत हैं। बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के मुख्यमंत्री के रूप में विदाई के वक्त राज्य भर से आए दो दर्जन से अधिक साधुओं के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले दंगलेश्वर स्वामी ने समर्थन दिया था। बीएस येदियुरप्पा को हटाए जाने के बाद राज्य में भाजपा के पतन की चेतावनी दी थी।
कई महीनों से आरोपों से घिरती जा रही सरकार
पिछले हफ्ते, भाजपा कार्यकर्ता और ठेकेदार संतोष पाटिल (Santosh Patil) ने पूर्व पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Ishwarappa) पर अपने द्वारा काम की गई कुछ परियोजनाओं पर 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ईश्वरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था। इस घटना के राज्य में कट मनी के आरोपों ने एक बड़े घोटाले का खुलासा किया था। ठेकेदारों के कई संघों ने संतोष पाटिल के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा था कि 40 प्रतिशत कमीशन देना आम बात है।
एक साल में चुनाव होने है और विपक्ष लगातार घेर रहा
सूत्रों ने कहा कि राज्य में चुनाव होने में करीब एक साल का समय है, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें इस्तीफा देने पर जोर दिया, हालांकि मुख्यमंत्री प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले पर फैसला लेने के पक्ष में थे। राज्य की विपक्षी कांग्रेस ने मांग की कि श्री ईश्वरप्पा - जिन्हें आत्महत्या के मामले में आरोपी बनाया था - को भी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया जाए। पार्टी ने यह भी कहा है कि ऐसे सभी भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच की जरूरत है।
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